प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने संबंधित मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सरकारी वकील ने कहा कि जैन जाली दस्तावेज तैयार करने के साथ ही डॉक्टरों और जेल अधिकारियों को प्रभावित कर सकते हैं। उनके खिलाफ अस्पताल में भर्ती कराने के लिए अपनी बीमारी का फर्जीवाड़ा करने का आरोप भी है। उन्होंने कहा कि जैन मंत्री नहीं हैं लेकिन वह जेल में हैं और जिस अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया है, वह दिल्ली सरकार के नियंत्रण में है।
बचाव पक्ष के वकील ने ईडी की दलीलों को मुकदमे को अलग दिशा देने तथा और अपने मुवक्किल की हिरासत अवधि का बढ़ाये जाने को दुर्भावनापूर्ण करार दिया। जैन को धन शोधन मामले में गत 30 मई को गिरफ्तार किया गया था।