लव जिहाद के मामले में यूपी में पहली सजा, नाबालिग से शादी की कोशिश करने वाले मुस्लिम युवक को पांच साल - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Saturday, September 17, 2022

लव जिहाद के मामले में यूपी में पहली सजा, नाबालिग से शादी की कोशिश करने वाले मुस्लिम युवक को पांच साल


अमरोहा 
(मानवी मीडियालव जिहाद के मामले में मुस्लिम युवक को अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई। उसने धर्म छिपाकर नर्सरी संचालक की नाबालिग बेटी का अपहरण कर शादी की कोशिश की थी। अदालत ने उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत यूपी में सजा का ये पहला मामला बताया जा रहा है। 

मामला हसनपुर कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। एक कारोबारी की हसनपुर-गजरौला रोड पर नर्सरी है। मार्च 2021 में कारोबारी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नर्सरी पर था। उनकी कार संभल जिले के हयातनगर थाना क्षेत्र के मोहल्ला मंगलपुरा सरायतरीन निवासी मोहम्मद अफजाल बतौर ड्राइवर चलाता था। इसी दौरान मोहम्मद अफजाल की मुलाकात नर्सरी संचालक की 16 वर्षीय बेटी से हो गई। अफजाल ने अपना धर्म छिपाकर उसे खुद का नाम अरमान कोहली बताया था। इसके बाद उसने किशोरी को प्रेम जाल में फंसा लिया।

दोनों के बीच मोबाइल पर बात और व्हाट्सएप पर चैटिंग होने लगी। दो अप्रैल 2021 को अफजाल ने नर्सरी संचालक की बेटी का शादी करने के मकसद से अपहरण कर लिया था। लेकिन शादी से पहले ‌ही किशोरी को अफजाल की हकीकत पता चल गई। मामले में नर्सरी संचालक ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके दो दिन बाद पुलिस ने दोनों को दिल्ली से बरामद कर लिया। किशोरी ने आरोपी पर धर्म बदलकर शादी करने का झांसा देने का आरोप लगाया।

मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर चालान किया। मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष (पॉक्सो एक्ट प्रथम) डा.कपिला राघव की अदालत में विचाराधीन था। शुक्रवार को अदालत में मुकदमे की आखिरी सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट बसंत सिंह सैनी ने पैरवी की। अदालत ने साक्ष्य के आधार पर अफजाल को दोषी मानते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। शनिवार को अदालत ने दोषी अफजाल को पांच साल जेल की सजा सुनाई। 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अपर निदेशक अभियोजन हरेंद्र यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत हुई सजा का यूपी में यह पहला मामला है। इस बावत निदेशालय से भी जानकारी ली गई थी। इस कानून के तहत इससे पहले प्रदेश के किसी भी जिले में अभी तक सजा नहीं हुई है।

Post Top Ad