लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां पपनामऊ चिनहट एवं कान्हा उपवन नादरगंज गौशाला का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों गौशालाओं में गायों की देख-भाल हेतु की गई व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया तथा भूसा, हरे चारे एवं औषधियों की उपब्धता भी देखी। निर्देश दिये कि गोवंश की सुरक्षा एवं संवर्धन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। यह भी कहा कि लंपी रोग के प्रति पूरी सजगता बरती जाय और अन्य गौपालकों को भी इसके बारे में जागरूक किया जाये।
सिंह ने कान्हा उपवन नादरगंज गौशाला की व्यवस्था पर प्रसंन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस गौशाला में गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाये जा रहे है। सभी गौशाला संचालकों को यहां से सीख लेनी चाहिए और अपनी-अपनी गौशालाओं में भी गाय के गोबर से उत्पाद तैयार कराने चाहिये।
पशुधन मंत्री ने अस्थाई गो आश्रय स्थल पपनामऊ में वर्मी कम्पोस्ट बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गायें भूखीं न रहे और इधर-उधर न भटके इसके लिए गौशालाओं का निर्माण कराया गया है। गौशाला में कार्यरत कर्मी गायांे के आहार एवं उनकी सुरक्षा पर पूरा ध्यान दें। गायों की देख-भाल में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
पशुधन मंत्री ने कहा हिन्दु धर्म में गाय को माता तुल्य माना जाता है और उनकी हर तरह से सेवा एवं रक्षा करना पुण्य का कार्य है। राज्य सरकार गौशालाएं संचालित करने के लिए अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आर्थिक व्यवसाय का मुख्य आधार कृषि उत्पादन और पशुपालन है, जिसमें गाय का बहुत ही महत्व है। पशुपालन उद्योग में गाय का अधिकत्म महत्व माना गया है। उन्होंने कहा कि गाय के दूध के उपयोग के साथ-साथ उसका गोबर भी ईधन और खेत पैदावार में खाद के रूप में उपयोग किया जाता है। इसलिए गौशाला संचालकों का प्रमुख कर्तव्य है कि वे गायों की देखभाल में कमी नही रहनी चाहिए।
निरीक्षण के दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ डा0 ए0 के0 वर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी, सरोजनीनगर, अशोक कुमार, पशु चिकित्सा अधिकारी चिनहट डा0 उपकान्त जायसवाल सहित गौशालाओं के संचालक उपस्थित थे।