अधिकारियों ने बताया कि महीने के अंत में होने वाली ये बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वर्ल्ड बैंक की लेटेस्ट रिपोर्ट के मद्देनजर हो रही है, जो बताती है कि सेंट्रल बैंकों द्वारा मोनेटरी पालिसी को सख्त किए जाने के बीच दुनिया अगले साल भारी मंदी का सामना कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि लंबे वक्त से इस तरह की बैठकों में अर्थव्यवस्था और वाणिज्य पर कभी चर्चा नहीं की गई। हालांकि ये बैठक वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में होने जा रही है। अधिकारी ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के होने में सिर्फ 20 महीने बाकी हैं। इससे पहले ये जरूरी बैठक हो रही है।
इस मीटिंग के उद्देश्यों में प्रायोरिटी वाले सेक्टर और पॉलिटिकल टास्क की पहचान करना भी शामिल है। उम्मीद है कि मंत्रिपरिषद और सभी सचिवों के साथ पीएम मोदी की ये बैठक 28 या फिर 30 सितंबर को हो सकती है। इस मीटिंग के दौरान पीएम मोदी दोनों क्षेत्रों (अर्थव्यवस्था और वाणिज्य के परिणामों की स्थिति का ब्यौरा ले सकते हैं। साथ ही डेवलपमेंट और नए इन्वेंस्टमेंट को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए नए टारगेट्स और डेडलाइन तय की जा सकती है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि इस बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी मंत्रियों और सचिवों को सूचना दे दी गई है। हालांकि अभी तक इन मुद्दों पर बैठक करने के लिए कोई एजेंडा सेट नहीं किया गया है।