महिला सशक्तिकरण, दिव्यांग बालिकाओं को स्वाभिमान युक्त जीवन देने के लिये अत्याधुनिक कृत्रिम अंग वितरित करने, पौधारोपण, गोमती और अन्य सहायक नदियों को स्वच्छ रखने हेतु विशेष चर्चा*
हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा, मिट्टी से निर्मित श्री गणेश जी की प्रतिमा, गंगापुत्र की प्रति और सद्साहित्य किया भेंट
लखनऊ (मानवी मीडिया)परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राज्यपाल उत्तरप्रदेश आनन्दीबेन पटेल से राजभवन लखनऊ में भेंटवार्ता हुई।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महिला सशक्तिकरण, दिव्यांग बालिकाओं को स्वाभिमान युक्त जीवन देने के लिये अत्याधुनिक कृत्रिम अंग वितरित करने हेतु 11 अक्टूबर, 2022 को परमार्थ निकेतन में लगाये जाने वाले शिविर के विषय में तथा गोमती और अन्य सहायक नदियों को स्वच्छ रखने हेतु विशेष चर्चा की।
स्वामी ने कहा कि राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने अपने ज्ञान, विलक्षण अनुभव व संस्कृति और संस्कारों से युक्त जीवन जीते हुये हर आम और खास के दिल की धड़कन को सुनने का सदैव प्रयास किया। उन्होंने राजभवन के दरवाजे हर किसी के लिये खोल कर पूरे राजभवन का नक्शा ही बदल दिया, आज इसकी चर्चा हर किसी की जुबां पर हंै। आनन्दीबेन पटेल जी ने गौरव और अस्मिता युक्त जीवन जीते हुये अनेक आदर्श स्थापित किये हैं। वास्तव में वें भारत की महिला शक्ति के लिये आशा की एक किरण हैं। भारत की अनेक बेटियाँ उनमें अपने भावी भविष्य को तलाश रही हैं, वे उन सभी के लिये एक आदर्श हैं.
विगत वर्ष राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने परमार्थ निकेतन की तीन दिवसीय यात्रा कर विभिन्न आध्यात्मिक और पर्यावरणीय गतिविधियों में सहभाग किया था, उन स्मृतियों को याद कर वें भावविभोर हो गयी। उन्होंने कहा कि आश्रम ऐसे ही होने चाहिये जहां पर आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ ही मानवता के कल्याण हेतु भी गतिविधियां होती रहें।
स्वामी ने राज्यपाल से कहा कि 11 अक्टूबर 2022, को पूरा विश्व ‘अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाता है। इस अवसर पर हम परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, माँ गंगा के पावन तट पर दिव्यांग बालिकाओं को अत्याधुनिक अंग वितरण करने हेतु एक शिविर का आयोजन कर रहे हैं। जो बालिकायें दुर्भाग्यवश विकलांग हैं; पीड़ित हैं उन्हें नई तकनीक से बने कृत्रिम अंग प्रदान किये जायेंगे ताकि वे आत्मसम्मान और गरिमा के साथ अपना जीवन जी सकें। इस अवसर पर स्वामी ने माननीय राज्यपाल को परमार्थ निकेतन में आने का आमंत्रण देते हुये हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
इस अवसर पर अरूण सारस्वत, गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य दीपक शर्मा उपस्थित थे।