मुख्यमंत्री के गत सप्ताह लिखे गये पत्र में कारागार निर्माण के सम्बन्ध में मुलाकात का हावाला देते हुये कहा है कि प्रदेश में मात्र एक आर्दश कारागार राजधानी में उपलब्ध है। इस कारागार में प्रदेश के समस्त सिद्ध-दोष आजीवन बन्दी जिनका चरित्र अच्छा होता है उन्हीं को इस आदर्श कारागार में स्थानांतरित किया जाता है।
वर्तमान आर्दश कारागार में इतनी पर्याप्त भूमि नहीं है, कि कारागार के अन्दर निरुद्ध बन्दियों से कृषि कार्य लिया जा सके। भूमि के कमी के कारण इन बन्दियों को गन्ना अनुसंधान कृषि फार्म में काम करने के लिए भेजा जाता है। उत्तर प्रदेश के विभाजन के पश्चात प्रदेश में सिविल/खुली जेल नहीं है। इन परिस्थियों को दृष्टिगत रखते हुये आदर्श कारागार के निर्माण हेतु नीलगाँव फार्म में उपलब्ध 178 हैक्टयर भूमि का उपयोग किया जा सकता है।
राही ने मुख्यमंत्री कोे यह भी अवगत कराया कि बन्दियों को कृषि कार्य/श्रम के लिए अन्यत्र स्थान पर नहीं ले जाना पड़ेगा। जेल परिसर के अन्दर ही बन्दियों से कार्य लिया जा सकेगा और जेल की ओवरक्राउडिंग जैसी समस्या का समाधान भी सम्भव हो सकेगा। उन्होंने अपने अनुरोध पत्र के साथ जमीन की खतौनी की नकल भी संलग्न की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस प्रकरण में यथाशीघ्र निर्यण लिये जाने का आग्रह किया है।