बता दें कि याचिकाकर्ता पंजाब के पूर्व विधायक हैं। पूर्व विधायक राकेश पांडे, लाल सिंह, सरवन सिंह, सोहन सिंह ठंडल, मोहन लाल और गुरविंदर सिंह अटवाल सहित छह पूर्व विधायकों ने यह याचिका दायर की है। उनकी मुख्य शिकायत इस योजना को पूर्व से लागू करना है। दायर याचिका में पूर्व विधायकों ने कहा है कि 24 अगस्त को एक पत्र जारी कर विधायकों की पेंशन कम किए जाने का निर्णय लिया गया है, इस निर्णय को लिए जाने से पहले सरकार ने उन विधायकों को जो कि पिछले लंबे समय से विधायक हैं और वह विधायक जो कि महज एक टर्म के लिए विधायक बने, उन्हें एक समान कर दिया है। इस तरह उन विधायकों को वह विधायक जो एक लंबे समय से विधायक रहे हैं, उन्हें विधायकों के समान पेंशन मिलेगी, जो कि सिर्फ एक टर्म के विधायक रहे हैं। जिस पर याचिकाकर्ताओं ने 24 अगस्त, 2022 के उस पत्र को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है जिसके माध्यम से योजना को बिना कानूनी अधिकार, अवैध और असंवैधानिक तरीके से अधिसूचित कर दिया गया।
याचिका में कहा गया है कि इस तरह जिनका 20 वर्ष का अनुभव हैं, उन्हें उनके समान कर दिया गया, जोकि बिलकुल है नए हैं। यह सीधे तौर नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा यह दलील भी दी गई कि कोई भी कानून या निर्णय उस दिन से लागू होता है, जिस दिन कानून बनाया जाता है ताकि पिछली तारीख से कानून को लागू किया जाता है। इस तरह से यह निर्णय भविष्य के लिए लागू किया जाना चाहिए न कि पूर्व के विधायकों पर इसे लागू किया जाए। पूर्व विधायकों के अनुसार, नए प्रावधानों से उनकी पेंशन पर काफी प्रभाव पड़ता है। उनकी पेंशन 60,000 रुपये प्रति माह से ज्यादा कम होगी।
बता दें कि पंजाब सरकार के इस कदम से विधायकों को कई बार पेंशन देने की प्रथा पर विराम लग गया है। इसका असर करीब 225 पूर्व विधायकों पर पड़ेगा। सरकार का दावा है कि नए नियम से पांच साल में 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।
इतनी मिल रही पैंशन
अगर देखा जाए तो पंजाब में मुख्यमंत्री का मासिक वेतन (भत्तों समेत) डेढ़ लाख रुपये बनता है। वहीं, प्रदेश के पूर्व विधायकों में पांच बार मु्ख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल इस समय 11 पेंशन के हकदार हैं और उन्हें पेंशन की कुल राशि 5,76,150 रुपये मिलती थी। हालांकि हाल ही में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पेंशन न लेने की बात कही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, लाल सिंह और परमिंदर सिंह ढींढसा समेत सूबे के कई पूर्व विधायक ऐसे हैं जिन्हें उनके कार्यकाल के हिसाब से 5-6 पेंशन मिलती हैं। इसकी कुल रकम 2,75,550 रुपये से 3,25,650 रुपये बनती है।