मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को दो दिवसीय नेशनल अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने विश्वास जताया कि यूपी के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने में अपना योगदान देने में कॉन्क्लेव सफल होगी। कहा कि आबादी (24-25 करोड़) के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। अगर यह देश के विकास की प्रक्रिया में पिछड़ता है तो भारत विकास के बुलंदियों को छूने में पीछे रह जाएगा। 8 वर्ष में पीएम मोदी के नेतृत्व में अनेक कार्यक्रम शुरू हुए। लोगों को लगता था कि यह योजना यूपी में सफल हुई तो देश में सफल हो जाएगी। अगर यूपी लक्ष्य प्राप्त करने में विफल रहा तो योजना के पूर्ण होने पर प्रश्नचिह्न् खड़ा हो जाएगा।
कहा कि अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट आज की आवश्यकता है। हर नागरिक को बुनियादी सुविधा प्राप्त करने का अधिकार है। वह पैसा देता है, इसके बदले सुविधा चाहता है लेकिन जब वह इससे वंचित होता है तो व्यवस्था से उसका विश्वास उठता है। जब ऐसा होता है तो वह गलत दिशा की ओर अग्रसर होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित विकास की जो योजना तैयार होनी चाहिए थी, उसका नितांत अभाव दिखता था। न सोच थी, न राजनीतिक इच्छाशक्ति और न ही कार्ययोजना दिखती थी। वह जमीनी धरातल पर उतरता नहीं दिखता था। नगरीय जीवन नारकीय जैसा दिखता था, लेकिन 5 वर्ष में जो प्रयास हुए, उसके परिणाम दिख रहे हैं। पीएम के संकल्पों के अनुरूप भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में बदलना है तो यूपी का भी योगदान होना चाहिए। यूपी में देश का हर छठवां व्यक्ति निवास करता है। इसकी अर्थव्यवस्था भी 1 ट्रिलियन डॉलर की तरफ अग्रसर होनी चाहिए। ईज ऑफ लिविंग और इकॉनामिक ग्रोथ के लिए शहरीकरण महत्वपूर्ण आयाम है। अर्बनाइजेशन की हमारी अवधारणा पर व्यवस्थित कार्य कर सके तो समयसीमा के अंदर लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। यूपी जैसे राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधार रही है। इस दिशा में लोगों ने अपने स्तर पर प्रयास भी किए हैं। आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पर्याप्त करने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में काम तो हुए पर समय के अनुरूप उन्हें बदलने का प्रयास नहीं किया। पांच वर्ष में यूपी में 100 से ज्यादा अर्बन बॉडीज बनाई गई।