इचाक के सिजुआ गांव निवासी दिव्यांग किसान मिथिलेश मेहता ने बताया है कि उन्होंने महिंद्रा फाइनांस से कर्ज लेकर सितंबर 2018 में एक ट्रैक्टर खरीदा था। कोविड के दौरान पैदा हुई परेशानियों के चलते वह कर्ज की छह ईएमआई नहीं चुका पाये थे। कंपनी की ओर से मिली नोटिस के अनुसार उन्हें ब्याज सहित 13 लाख रुपये जमा करने थे। बीते 13 सितंबर को वह 12 लाख रुपये लेकर कंपनी के हजारीबाग स्थित दफ्तर गये, लेकिन उनसे कहा गया कि अब एकमुश्त 13 लाख रुपये जमा लिये जायेंगे अन्यथा ट्रैक्टर को जब्त कर लिया जायेगा।
इसके बाद मिथिलेश घर लौटकर और पैसे जुटाने की तैयारी में जुटे थे कि 15 सितंबर को कंपनी के रिकवरी एजेंट सिजुआ स्थित एक पेट्रोल पंप पर खड़े उनके ट्रैक्टर को खींचकर ले जाने लगे। इसकी जानकारी मिलने पर मिथिलेश अपनी विवाहिता पुत्री मोनिका के साथ वहां पहुंचे तो उन्होंने रास्ते में ट्रैक्टर ले जा रहे लोगों को रोककर उनसे बातचीत की। मिथिलेश मेहता ने तत्काल रुपये जमा करने की बात कही, लेकिन वे लोग ट्रैक्टर ले जाने पर अड़े रहे। इसपर खुद को कंपनी का जोनल मैनेजर बताने वाले एक शख्स से मोनिका ने जब उनका आईडी मांगा तो वह गुस्से में आग बबूला हो गया और उसने ट्रैक्टर चालक को उसे रौंदते हुए गाड़ी बढ़ाने को कहा। चालक ने ऐसा ही किया। मोनिका बुरी तरह जख्मी हो गयी। उसे पहले हजारीबाग मेडिकल कॉलेज ह़ॉस्पिटल ले जाया गया। गंभीर हालत देखते हुए उसे डॉक्टरों ने रांची के लिए रेफर कर दिया। मिथिलेश मेहता के अनुसार उनकी पुत्री तीन महीने की गर्भवती थी। मोनिका के पति कुलदीप असम में गाड़ी चलाते हैं।
पुलिस ने मिथिलेश मेहता का फर्द बयान लिया है और एफआईआर दर्ज करने की तैयारी चल रही है। इस संबंध में महिंद्रा फाइनांस के स्थानीय अफसरों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल बंद पाया गया। हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चोथे ने कहा है कि यह बेहद गंभीर घटना है। पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। इधर इस घटना को लेकर शुक्रवार सुबह से ही लोगों का गुस्सा उबाल पर है। पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता और हजारीबाग जिला परिषद अध्यक्ष उमेश कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने हजारीबाग स्थित महिंद्रा फाइनांस के दफ्तर को घेर रखा है।