उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में उसकी शिकायत के आधार पर अब एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
महिला ने दावा किया कि शुरू में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसने एसएसपी, राष्ट्रीय महिला आयोग और मुख्यमंत्री के शिकायत निवारण पोर्टल से संपर्क किया।
प्राथमिकी अंतत: आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज की गई
प्राथमिकी के अनुसार, जब वह सात साल की थी, उसके सौतेले चाचा ने पहली बार उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने दावा किया कि उसने अपनी मां को पूरी घटना बताई और पेट दर्द की शिकायत की।
“लेकिन मेरी मां ने मुझे कुछ दवा दी और चुप रहने को कहा।”
फिर एक दूसरे सौतेले चाचा ने उसके साथ दुष्कर्म किया और यह सिलसिला चलता रहा।
महिला का आरोप है कि 19 साल की उम्र तक अलग-अलग जगहों पर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया।
उसने कहा, “जितना हो सका, मैंने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की। लेकिन वे जोर-जबर्दस्ती करते रहे।”
महिला की शादी जनवरी 2011 में हुई थी।
उसने कहा, “शादी के बाद जब भी मैं अपनी मां से मिलने घर गई तो उन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की, लेकिन मैंने विरोध किया।”
दो नाबालिग लड़कियों की मां, महिला ने कहा कि मानसिक आघात से निपटने में असमर्थ है। उसने अंतत: अपने पति को सूचित किया कि वह किस दौर से गुजर रही है।
उसने कहा, “उन्होंने मेरा समर्थन किया और मुझे मेरे शोषण के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।”
“इस साल 11 अप्रैल को मेरे पति मुझे मामले के बारे में बात करने के लिए मेरे सौतेले पिता के घर ले गए। जब उन्होंने मेरी डरावनी कहानी सुनाई, तो उन्हें पीटा गया। मेरी मां ने उनका समर्थन किया और मुझ पर भरोसा नहीं किया। पिछले चार महीनों से हम प्राथमिकी दर्ज करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब मुझे अपने पति का समर्थन प्राप्त है और मैं अंतिम सांस तक न्याय के लिए संघर्ष करूंगी।”
महिला थाना प्रभारी सविता द्विवेदी ने कहा, “महिला ने विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है। मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।”