निर्माण कार्य के दौरान भी तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) नियमों के उल्लंघन के लिए कई मामले दर्ज किए गए थे। पहले, केरल हाईकोर्ट ने रिसॉर्ट के खिलाफ फैसला सुनाया। इस फैसले को मालिकों ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी रिसॉर्ट के खिलाफ फैसला सुनाया। यह परियोजना सात हेक्टेयर में फैली हुई है और पनावली ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती है।
साल 2012 में निर्माण पूरा होने के बाद इस रिसॉर्ट का उद्घाटन 2013 में होना था। केरल दौरे के लिए प्रिंस चार्ल्स और उनकी टीम ने इस रिसॉर्ट को बुक भी किया था, लेकिन कोर्ट में कई मामले की सुनवाई जारी होने के चलते रिसॉर्ट का उद्घाटन नहीं हो सका और प्रिंस चार्ल्स और उनकी टीम को कोई दूसरा रिसॉर्ट बुक करना पड़ा। जिला तहसीलदार ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि दिन में दो विला धराशायी हो जाएंगे।
मलबे को रिसॉर्ट प्रबंधन द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार निपटाना होगा और वे ध्वस्त रिसॉर्ट्स से जो कुछ भी लेना चाहते हैं, लेने के लिए स्वतंत्र हैं। यह सब उनके खर्च पर ही किया जाएगा। छह महीने की समय सीमा उन्हें विध्वंस खत्म करने और मलबे के निपटान के लिए दिया गया है,
शीर्ष राजस्व अधिकारी ने कहा, रिसॉर्ट प्रबंधन द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार मलबे का निपटान करना होगा और वे ध्वस्त रिसॉर्ट्स से जो कुछ भी लेना चाहते हैं, लेने के लिए स्वतंत्र हैं। यह सब उनके खर्चे पर ही होगा। उन्हें ध्वस्त करने और मलबा हटाने के लिए छह महीने का समय दिया गया है। इस परियोजना को एक प्रमुख व्यापारिक घराने और कुवैती निवेशक ने शुरू किया था।