सिंह ने यह निर्देश आज विधान भवन में स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मदरसों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिए। इसके लिए सभी मदरसों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने के निर्देश जारी किये जायं और इसका कड़ाई से अनुपालन भी सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने मान्यता प्राप्त मदरसों में गत वर्षों के छात्रों की संख्या और उन वर्षों में छात्रों को वितरित की गई छात्रवृत्ति का सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये। यह भी कहा कि सहायता प्राप्त मदरसों में शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के स्थानान्तरण मदरसा प्रबंधकों की परस्पर सहमति एवं रजिस्टार के अनुमोदन से ही किया जाय। इसके लिए शासन स्तर से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जाय।
मंत्री ने कहा कि ऐसे सहायता प्राप्त मदरसें जहां प्रबंधन समिति विवादित है अथवा विधिमान्य प्रबंधन समिति नहीं है, वहां मृतक आश्रितों की नियुक्ति मदरसा नियमावली में दिये गये प्राविधानों के अनुसार प्रधानाचार्य एवं जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा की जायेगी। रजिस्ट्रार द्वारा वैध समिति के अस्तित्व में आने तक उस नियुक्ति पर कार्योत्तर अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित गैर मान्यता प्राप्त सभी मदरसांे का सर्वे कराया जाये और आगामी 15 सितम्बर तक रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराया जाय। इसके लिए उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति बनाने के निर्देश भी दिये हैं। यह भी कहा कि वक्फ सम्पत्तियों से अवैध कब्जे हटाये जायें और उन सम्पत्तियों को आम-जनमानस के कल्याण हेतु इस्तेमाल किया जाय।
बैठक में निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण इन्दुमति, रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।