लखनऊ (मानवी मीडिया) भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े लेवाना सूइट्स होटल के मामले में लीपापोती कर रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के खिलाफ शासन का शिकंजा कसता जा रहा है। लेवाना का अवैध निर्माण कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम मांगने के बाद शासन ने अब एलडीए से अवैध रूप से बने उन 140 होटलों की भी सूची भी मांगी है, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में एलडीए ने खुद शासन को जानकारी दी थी। शासन के कड़े रुख को देखते हुए एलडीए की परेशानी बढ़ सकती है। इस बारे में सचिव आवास अजय चौहान की ओर से शुक्रवार को एलडीए को पत्र भेज दिया गया है।बता दें कि पांच सितंबर को लखनऊ के पॉश इलाके में स्थित लेवाना होटल में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी। छानबीन में पता चला कि एलडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना नक्शा पास कराये ही होटल का निर्माण कराया गया है। अपना गला फंसता देख एलडीए के अधिकारियों ने तत्काल लीपापोती करना शुरू कर दिया और शासन को भरमाने के उद्देश्य से आनन-फानन में उसी दिन होटल के अवैध निर्माण के लिए 22 इंजीनियरों को जिम्मेदार मानते उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति पत्र भेज दिया था।
एलडीए की इस जल्दबाजी के पीछे के खेल को भांपते हुए प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने अवैध निर्माण के लिए सिर्फ इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर आपत्ति जताते हुए संबंधित अधिकारियों के नाम भी भेजने के निर्देश दिए थे। लेकिन पांच दिन बाद भी एलडीए ने होटल के अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का नाम शासन को नहीं भेज पाया है। इसी बीत शासन ने 140 अवैध होटलों की सूची तलब कर लिया है।
अपने ही जाल में फंसा एलडीए
शासन को 140 अवैध होटलों पर कार्रवाई करने की जानकारी देकर एलडीए खुद ही अपने ही जाल में फंस गया है। दरअसल लेवाना में आग लगने वाली घटना के दिन बिगड़े माहौल को देखते हुए एलडीए ने एक सोची समझी रणनीति के तहत शासन को 22 इंजीनियरों के नाम भेजने के साथ ही अवैध रूप से बने 140 होटलों के खिलाफ कार्रवाई करने की जानकारी देकर मामले को ठंडा करने की कोशिश की थी, लेकिन शासन एलडीए की इस पैंतरेबाजी को समझ गया और इंजीनियरों के साथ जिम्मेदार अधिकारियों का नाम मांग लिया। अब उन 140 अवैध होटलों की सूची मांग रहा है।
एलडीए ने इंजीनियरों वाली सूची में अवैध होटलों की सिर्फ संख्या बताई है। इसलिए एलडीए से उन 140 अवैध होटलों की सूची मांगी गई है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।