पटना (मानवी मीडिया): बिहार में सियासी बवाल फिलहाल तो थमता नज़र नहीं आ रहा है। हाल ही में नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर आरजेडी के साथ बिहार में महागठबंधन की सरकार बना ली। ऐसे में जहां नीतीश एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो वहीं लालू के लाल तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री का पद मिला। लेकिन मामला यहीं तक नहीं सिमटा, बिहार में अब नई कैबिनेट को लेकर भी माथापच्ची जारी है। इसी बीच सियासी गलियारों से खबर आ रही है कि NDA को जल्द ही एक और झटका लग सकता है। जानकारी मिल रही है कि लोजपा पारस गुट के तीन सांसद नीतीश की पार्टी जेडीयू और तेजस्वी की पार्टी आरजेडी में शामिल हो सकते हैं।
बता दें, लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) चीफ रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट चाचा पशुपति कुमार पारस का बन गया तो एक गुट रामविलास के बेटे चिराग पासवान का बन गया। लोजपा के छह सांसद में चिराग को छो़ड़कर बाकी सभी पांच सांसद पशुपति कुमार पारस के साथ हो लिए, जबकि चिराग अकेले रह गए। पशुपति कुमार पारस वर्तमान समय में केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी हैं।
जिन तीन लोजपा सांसदों के जेडीयू-आरजेडी में शामिल होने की बात सामने आ रही है, उनमें खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर आरजेडी और वैशाली से सांसद वीणा देवी और नवादा से चंदन सिंह जेडीयू में शामिल हो सकते हैं। वहीं तीन अन्य जो लोजपा के सांसद हैं, वो परिवार से ही हैं। उनमें जमुई से सांसद चिराग, हाजीपुर से पारस और समस्तीपुर से प्रिंस जो पशुपति कुमार पारस के बेटे हैं, वो एनडीए में बने रहेंगे।
बता दें, हाल ही में जब बिहार में राजनीतिक उठा-पटक मची थी, तब केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने नीतीश पर जमकर हमला बोला था। साथ ही यह भी कहा था कि लोजपा एनडीए में बनी रहेगी। लोजपा एनडीए का साथ नहीं छोड़ेगी, लेकिन जिस तरह से पारस और उनके बेटे प्रिंस को छोड़कर बाकी सभी तीनों सांसदों के जेडीयू और आरजेडी में शामिल होने की बात सामने आ रही उससे यह लगता है कि पारस सांसदों को अपने पाले में रखने में नाकामयाब रहे।