जस्टिस ललित को अगस्त 2014 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वो सीधे बार से जज बने थे। न्यायमूर्ति एस.एम. सीकरी के 1971 में बार से 13वें चीफ जस्टिस बनने के बाद ललित दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस हैं।
जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। उन्होंने जून 1983 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र और गोवा से कानून की प्रैक्टिस शुरू की। 1986 में दिल्ली आने से पहले उन्होंने दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की।
न्यायमूर्ति ललित ने अक्टूबर 1986 से 1992 तक सोली जे. सोराबजी के साथ काम किया और उस अवधि के दौरान वो भारत के वकीलों के पैनल में शामिल थे जब सोराबजी भारत के अटॉर्नी जनरल थे। 1992 से 2002 तक, उन्होंने एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड के रूप में प्रैक्टिस की और अप्रैल 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। उन्हें वन मामलों, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, यमुना के प्रदूषण आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर न्याय मित्र नियुक्त किया गया। 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उन्हें सीबीआई के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया था।