राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उच्च नैक रैकिंग पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि नैक एक सतत् प्रक्रिया है, इसलिए सभी शिक्षक यह स्तर बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय की गुणवत्ता को निरन्तर बनाए रखें। इसी क्रम में राज्यपाल जी ने प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय को नेतृत्व करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में इस समय देश के शिक्षण संस्थानों को मार्ग दर्शन प्रदान करने की क्षमता है। उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी अन्य राज्यों में अथवा विदेश में शिक्षा के लिए पलायन न करें। इसके लिए प्रदेश के शिक्षा-संस्थानों में गुणवत्ता सुधार होना आवश्यक है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिग प्राप्त करने के लिए अग्रसर होने को कहा।
शिक्षा को व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े जाने पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा विद्यार्थी जो पढ़ रहे हैं, उसका प्रैक्टिकल भी करवाया जाए। ऐसी लैब बनाई जाएं जहाँ वे अपने शिक्षा के ज्ञान को अनुभव में बदल सकें। विद्यार्थियों के शोधों का लाभ जनसाधारण, किसानों एवं लघु उद्यमियों तक पहुँचना चाहिए, जिससे विद्यार्थी को भी आर्थिक लाभ हो और जनसाधारण कम दामों में गुणवत्तापूर्ण जांच, उपकरण तथा अन्य उपयोगी सामग्री प्राप्त कर सके। राज्यपाल जी ने अपने उद्बोधन में महिलाओं की शिक्षा और आर्थिक स्वावलम्बन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं को विश्वविद्यालय में जूट से उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उन्हें निर्मित उत्पाद के विक्रय हेतु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़कर लाभ भी दिलाएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्त होने से समाज सशक्त होता है। समग्र प्रगति के लिए महिलाओं की शिक्षा और आर्थिक स्वावलम्बन जरूरी है।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय के इन्स्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल सांइसेज के शैक्षणिक सत्र 2021-22 के वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन का विमोचन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को स्कूल बैग प्रदान किए। इसी क्रम में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में जूट से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर उद्यमिता से जुड़ी 05 स्थानीय महिलाओं को उद्यमिता प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
राज्यपाल ने समारोह में विश्वविद्यालय की फर्मेसी में छात्रों द्वारा बनाए गए सेैनेटाइजर, गठिया की दवाई और फ्लेवर्ड ऐल्कलाइन पानी का लोकार्पण भी किया। कुलपति प्रो0 आलोक राय ने राज्यपाल के समक्ष विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए छात्रों के इन उत्पादों का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय एक समय सम्पूर्ण विश्वविद्यालय था। धीरे-धीरे यहां से तकनीकी, चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण विषय अलग हो गए। अब ऐसे विषयों को भी पुनः नवीन विषयों के साथ जोड़कर विश्वविद्यालय के पुराने गौरव को प्राप्त करने का प्रयास होगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 संजय मेधावी, सभी संकायाध्यक्ष, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, सभी डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारी एवं कर्मचारीगण तथा छात्र-छात्राएं उउपस्थित