यह बातें दयालु ने आज गोमती नगर स्थित राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कालेज की सभागार में कानपुर, आजमगढ़, अयोध्या, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, देवीपाटन, बस्ती व विध्यांचल मण्डल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (होम्योपैथ्य विभाग) के साथ विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कहीं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 6 माह के भीतर अधिक से अधिक अपनी स्वयं की जमीन पर अपने अस्पताल बनवाने हेतु प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान, बी0डी0ओ0, जिला प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से निरन्तर संपर्क कर अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने का प्रयास करें। दान की जमीनों पर दानदाताओं के परिजनों के नाम पर अस्पताल बनवाने का कार्य करें।
दयालु ने बताया कि 1600 हेल्थ वेलनेस सेण्टर बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से विभाग ने लगभग 500 वेलनेस सेण्टर का निर्माण करा लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के काल में लोगों का विश्वास इस विधा पर बढ़ा है। अगर आप लोग और बेहतर प्रयास करेंगे तो अधिक से अधिक लोगों को इस विधा से जोड़ा जा सकेगा। बैठक के दौरान उन्होंने सभी जिला स्तरीय डाक्टरों से उनके यहां चल रही ओ0पी0डी0 में देखे जाने वाले मरीजों की संख्या के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिये कि जिस सेण्टर पर मरीजों की संख्या कम है, वहां के डाक्टर और अस्टिेण्ट से वार्ता कर वजह की जानकारी प्राप्त करें और मरीजों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से वार्ता कर अपने स्तर से निःशुल्क शिविर कैम्प लगवायें। निःशुल्क शिविर का व्यापक प्रचार प्रसार करें। इससे अधिक से अधिक लोग इस विधा का लाभ ले सकेंगे।
दयाशंकर मिश्रा ने सभी चिकित्साधिक्षकों को निर्देश दिये कि अपने स्तर से सभी अस्पतालों में डाक्टरों एवं स्टाफ की उपस्थिति का नियमित अंतराल पर जांच करें और जो भी अनुपस्थित पाया जाये, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करंे। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से भी वीडियो कालिंग के माध्यम से उपस्थिति की औचक जांच की कार्यवाही चल रही है।
बैठक मंे निदेशक होम्योपैथ डा0 अरविंद कुमार वर्मा, संयुक्त निदेशक डा0 सुचेन अग्रवाल सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।