मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भगवान परशुराम शास्त्र और शस्त्र दोनों धारण करने वाले ऐसे महापुरुष थे जो भक्ति और शक्ति की समन्वय की साक्षात प्रतिमूर्ति रहे हैं इन सबके साथ साथ मेरा यह मानना है की चेतना और क्रांति के भी परिचायक थे। परशुराम जी ऐसे महान नायक हैं जिन्हें हजारों वर्ष उपरांत भी हम उनको याद करते हैं क्योंकि धरा पर जब अत्याचार बढ़ जाता है तो ईश्वर को अवतार देना पड़ता है चाहे वह राम के रूप में हो, कृष्ण के रूप में हो या परशुराम के रूप में हो। यानी परशुराम जी को ईश्वर के रूप में देखा जाता है। परंतु वीरता ज्ञान और वैराग्य के समन्वय के स्वामी के रूप में जहां उन्होंने शास्त्र का उपयोग किया और जहां आवश्यकता हुई वहां शास्त्र का उपयोग किया।
मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि बुदेश्वर मंदिर में पूजन अर्चन व कार्यक्रम के दौरान सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, महानगर अध्यक्ष सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा, महापौर संयुक्ता भाटिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
पश्चिम विधानसभा उपविजेता अंजनी श्रीवास्तव, रमाशंकर राजपूत, पार्षद अनुराग मिश्रा मंडल अध्यक्ष अजय सोनी, महेंद्र राजपूत, अरविंद मिश्रा वीरेंद्र सिंह, ने रक्षा मंत्री को बड़ी माला पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया व प्रतीक चिन्ह के रूप में फरसा भेंट किया।