*पिता की हत्या के बाद जरायम की दुनिया में रखा कदम*
पुराने लोग बताते हैं कि बृजेश बनारस के उदय प्रताप कॉलेज का मेधावी छात्र रहा। लेकिन वाराणसी के चौबेपुर थाना अंतर्गत धौरहरा गांव में 27 अगस्त 1984 को जमीन संबंधी विवाद में बृजेश के पिता रवींद्र सिंह की हत्या कर दी गई। रवींद्र सिंह की हत्या धौरहरा गांव स्थित एक मंदिर के पास पिता रवींद्र सिंह की हत्या की गई थी। उसके बाद बृजेश ने पिता की हत्या का बदला लेने की ठान ली और वो मेधावी छात्र जरायम की दुनिया से जुड़ गया। 1985 में पिता की हत्या के आरोपी हरिहर सिंह की हत्या के मामले में बृजेश के विरुद्ध पहली बार चौबेपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। यहीं से हरिहर सिंह के बेटे पांचू से दुश्मनी बढ़ी। आलम ये था कि 1984 से 2008 तक बृजेश अपनी हुलिया बदल-बदल कर देश भर में सुरक्षित स्थानों पर रहते रहे। पुलिस के पास तब उनकी एक फोटो तक नही रही। उसके बाद पूर्वांचल के एक अन्य माफिया मुख्तार अंसारी के साथ बृजेश की वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई। ठेकेदारी को लेकर भी दोनों के बीच खूब ठनी।
*पट्टीदार और पड़ोसी इंद्रदेव खेमे से है बृजेश की जानी दुश्मनी*
इस क्रम में बात करते हैं उस इंद्रदेव सिंह "बीकेडी" जिसका पता अब तक नहीं लगा पाई है पुलिस। वो बृजेश का जानी दुश्मन माना जाता है। कहा जाता है कि बीकेडी, बृजेश का न केवल पड़ोसी है बल्कि पट्टीदार भी है। उसके पिता हरिहर सिंह का नाम बृजेश के पिता रवींद्र सिंह के हत्यारोपी भी रहे हैं। वैसे बीकेडी का भाई पांचू भी बृजेश का जानी दुश्मन माना जाता रहा पर इस ईनामी बदमाश की पुलिस मुठभेड़ में सारनाथ इलाके में एनकाउंटर हो चुका है। ऐसे में बीकेडी, बृजेश को अपने पिता और भाई की मौत का जिम्मेदार मानता है।
*बृजेश के करीबी की हत्या में पहली बार बीकेडी का नाम चर्चा में आया*
बता दें कि 2013 में बीकेडी का नाम पहली बार चर्चा में आया जब उसे बृजेश सिंह के करीबी अजय सिंह उर्फ खलनायक पर साथियों संग टकटकपुर इलाके में जोरदार फाइरिंग झोंक दी। हालांकि गोलियों से छलनी अजय सिंह बच गये थे। उस दौरान अजय की पत्नी भी घायल हुई थीं। उनके पैर में गोली लगी थी। इतना ही नहीं मई 2013 की उस घटना के करीब दो महीने बाद बीकेडी ने बृजेश के पैत्रिक गांव धौरहरा गांव में बृजेश के चचेरे भाई सतीश सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर अपने मंसूबों को अंजाम देते हुए इरादे साफ कर दिए थे।
*बृजेश की बेटी की शादी के वक्त भी बीकेडी का नाम उछला*
अपराध जगत की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि अप्रैल 2016 में जब बृजेश सिंह बेटी के विवाह के लिए पेरोल पर बाहर आये, तब एक बार फिर से बीकेडी का नाम चर्चा में आया, तब रोहनिया स्थित एक कार एजेंसी के बाहर फायरिंग और रंगदारी मामले से जुड़ा। बीकेडी का नाम गाजीपुर के राजनाथ यादव की हत्या से भी जुड़ा।
*बृजेश पर लगे आरोप*
1-2004 में लखनऊ में गैंगवार
2-अप्रैल 1986 में सिकरौरा में पूर्व प्रधान रामचंद्र समेत 7 की हत्या
3- सिकरौरा कांड के बाद पहली गिरफ्तारी
4-2008 में ओडीसा के भुवनेश्वर से गिरफ्तारी
5-1986 में पहली बार गिरफ्तार