झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसी साल फरवरी में दावा किया था कि हेमंत सोरेन ने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये एक ऐसा मसला है जिसमें हितों के टकराव के साथ भ्रष्टाचार की बात शामिल है। श्री रघुवर ने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने इस मामले में मई महीने में एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे को लेकर उनका पक्ष जानना चाहा था।
ऐसे सामने आया मामला
दरअसल एक आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शर्मा ने दो PIL दायर कर सीबीआई और ईडी से एक माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनके और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है। आरोप है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा लीं। इस मामले की जांच सीबीआई और ED से करवाने की मांग गई थी।