इस बारे में बांका थानाध्यक्ष ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर किसी अपराधी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस गई थी। जब वह छापेमारी कर थाना लौट रही थी तो उसी समय बांका गेस्ट हाउस के सामने सड़क पर एक अनजान महिला और युवक पुलिस ड्रेस में दिखाई दिए। जिसके बाद शक होने पर जब उनसे पूछताछ की गई तो फर्जी थाने का मामला सामने आया। थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार महिला अनिता खुद को दारोगा बता रही थी और वह बिहार पुलिस के फुल ड्रेसअप में थी। उसके पास से एक अवैध पिस्टल भी बरामद हुआ, जबकि पकड़े गए दूसरे आरोपी का नाम आकाश कुमार है। वह खुद को थाने का चौकीदार बता रहा था। गिरफ्तार अनिता बांका जिले के फुल्लीडुमर के दुधघटिया की रहने वाली है। इस बारे में महिला ने बताया कि फुल्लीडुमर के भोला यादव ने दारोगा में भर्ती कर बांका के इस कार्यालय में तैनात किया था। अपने काम के बारे में अनिता ने बताया कि जहां भी सरकारी आवास बनते थे, वहां जांच करने के लिए वह जाती थी। वहीं, गिरफ्तार आकाश के मुताबिक, भोला यादव को 70 हजार रुपए देकर वह फर्जी थाने में चौकीदार की नौकरी कर रहा था। थानाध्यक्ष के मुताबिक, इस कार्यालय में बहाल सभी कर्मियों को पुलिस वर्दी और अवैध पिस्टल उपलब्ध कराने में फुल्लीडुमर के भोला यादव का नाम मुख्य सरगना के रूप में सामने आ रहा है।
बांका(मानवी मीडिया): आज तक आपने फर्जी ‘पुलिस’ के बारे में सुना होगा, लेकिन बिहार इस मामले में कहीं आगे निकला। यहां, फर्जी पुलिसवाले तो पकड़ाते रहे हैं, लेकिन इस बार पूरा का पूरा एक थाना ही फर्जी पाया गया। जानकारी के अनुसार यह फर्जी थाना पिछले 8 महीने से इलाके में एक्टिव था और लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। हैरानी की बात तो यह है कि जिला मुख्यालय में चल रहे इस फर्जी थाने की किसी को भनक भी नहीं थी। यह फर्जी थाना बांका शहर के एक निजी गेस्ट हाउस की में चल रहा था।