लखनऊ (मानवी मीडिया) मंगल पांडेय और चित्तू पांडेय का बलिया सिर्फ बागी स्वभाव के नाते ही प्रसिद्ध नहीं है। बल्कि महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माथे की बिंदिया-टिकुली भी बलिया की पहचान दिलाती है। योगी सरकार ने इसे बलिया का ओडीओपी घोषित कर रखा है। अब माथे की इस बिंदिया की चमक उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्या कुमारी तक, पूरब में कच्छ (गुजरात) से लेकर पश्चिम में इम्फाल (मणिपुर) तक भारतीय रेल के जरिये पहुंचेगी।
जी हां, सिर्फ बलिया की बिंदी ही नहीं, हाथरस की हींग का स्वाद, अयोध्या एवं मुजफ्फरनगर के गुणकारी गुड़ के स्वाद और पीलीभीत की बांसुरी के स्वर एवं हमीरपुर की जूती की खूबी के साथ उत्तर प्रदेश के जो भी ओडीओपी उत्पाद हैं, सब भारतीय रेल के जरिए पूरे भारत में पहुंचेगा। इसके लिए एसएमएसई विभाग ने 695 स्टेशनों का चयन किया है।
695 रेलवे स्टेशनों का किया गया चयन
लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग विभाग के एसीएस नवनीत सहगल ने बताया कि इसके लिए एनइआर (नार्थ ईस्टर्न रेलवे) एनआर (नार्थ रेलवे) एनसीआर (नार्थ सेंट्रल रेलवे) इसीआर (इस्टर्न सेंट्रल रेलवे) के 695 रेलवे स्टेशनों को चुना गया है। इन स्टेशनों पर ये उत्पाद ओडीओपी योजना के तहत बेचे जाएंगे। इस बाबत प्रदेश सरकार और रेलवे के बीच पहले ही मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर दस्खत हो चुके हैं।
स्टॉल से बिका तो ठीक, नहीं तो ऑनलाइन डिलिवरी की भी सुविधा
हाल ही में हुई बैठक में फैसला किया गया है कि स्टॉल्स में एकरूपता के लिए इनको एक स्टैंडर्ड साइज (6×5 या 6×10 फीट और कुल ऊंचाई 10 फीट) में रेलवे उपलब्ध कराएगा। जरूरत के अनुसार एक स्टेशन पर ये स्टॉल्स एक से अधिक भी हो सकते हैं। ये स्टॉल्स स्थाई या ट्रॉली के रूप में भी हो सकते हैं।
इनका 15 दिन का किराया 1000 रुपये होगा। इसे एमएसएमई विभाग रेलवे को देगा। वेंडरों की सूची और उनका रोटेशन भी विभाग ही उपलब्ध कराएगा। संबंधित रेलवे स्टेशन से गुजर रहे यात्री की मर्जी एवं पसंद होगी तो वह समान खरीदेगा, अन्यथा स्टॉल पर उपलब्ध वेंडर के कार्ड के जरिए घर से भी ऑर्डर करने पर ऑनलाइन डिलिवरी की सुविधा उपलब्ध होगी। यही नहीं हर 15 दिन के बाद वेंडर बदल जाने के कारण उत्पादों की नई रेंज नई खूबियों के साथ उपलब्ध होगी।