वन मंत्री ने भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की ओर से जैव विविधता संरक्षण एवं गंगा तथा उसकी सहायक नदियों के पुनरूद्धार हेतु दुधवा टाइगर रिजर्व व दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन के साथ आपसी सहयोग स्थापित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। बैठक में प्रदेश के समस्त राष्ट्रीय पार्क एवं समस्त वन्य जीव विहारों में स्थित वन विश्राम गृहों तथा हाथी/मिनी बस/जीप तथा अन्य प्रवेश शुल्क आदि दरों के पुनरीक्षण हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि दुधवा टाईगर रिजर्व के अन्तर्गत स्थित विश्राम गृहों तथा थारू हाटों को जीर्णाेद्धार एवं उच्चीकरण कराया गया है। साथ ही विश्राम गृहांे को वातानुकूलित भी किया गया है, इसके अतिरिक्त दुधवा टाईगर रिजर्व के आस-पास होटल व रिसॉर्ट की सुविधा भी विकसित की जा रही है।
सक्सेना ने दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन के आय-व्यय का लेखा-जोखा एवं बजट की समीक्षा करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल प्राप्तियां 1.23 करोड़ थी, महामारी कोविड के कारण वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्तियां 90 लाख के आस-पास रहीं हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोरोना का प्रकोप कम है इसलिए प्राप्तियों को एक करोड़ के ऊपर ले जाया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिस मद में जितनी धनराशि आवंटित की गई है उसका खर्च उसी मद में होना चाहिए, अधिकारी यह भी ध्यान रखें कि बजट का 100 प्रतिशत सदुपयोग हो।
गवर्निंग बॉडी की बैठक में बहराइच (बलहा) की विधायक सरोज सोनकर, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह, जिलाधिकरी लखीमपुर खीरी महेंद्र बहादुर सिंह सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।