राकेश चौहान की गिरफ्तारी को अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। जांच में सामने आया है कि आरआईएमएस कंपनी लखनऊ के मालिक राजेश चौहान ने पेपर लीक करने और आरोपी केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा किया था। इसके सबूत भी एसटीएफ को मिले हैं। अभी बीते रोज ही कड़ी पूछताछ और पुख्ता सबूतों के आधार पर एसटीएफ ने बिजनौर जिले के धामपुर से केंद्रपाल को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की इंवेस्टिगेशन में पेपर लीक का केंद्र बिंदु धामपुर सेंटर निकला है। इससे पहले एसटीएफ गिरफ्तार आरोपी हाकम सिंह रावत को धामपुर लेकर गई थी। वहां उससे कई घंटे पूछताछ की गई। हाकम से मिले इनपुट के आधार पर ही एसटीएफ केंद्रपाल तक पहुंची और वहां से राजेश चौहान तक।
बता दें कि, यूकेएसएसएससी परीक्षा के गोपनीय कार्य लखनऊ स्थित इसी आरआईएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से होते थे। इससे पहले भी स्पेशल टास्क फोर्स लखनऊ की इस प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े आरोपी अभिषेक वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। वो शुरूआती गिरफ्तारियों में से एक थी।
कौन है राजेश चौहान: यूकेएसएसएससी पेपर लीक में मामले में गिरफ्तार 25वां आरोपी राजेश चौहान ( पुत्र श्रीहर्ष रूप सिंह, निवासी जानकीपुरम लखनऊ यूपी) आरआईएमएस टेक्नो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। इस कंपनी का टर्नओवर 111 करोड़ रुपये के आसपास है। इसके साथ ही उसकी लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में पार्टनरशिप भी है। संपत्ति की बात करें तो लखनऊ के पॉश इलाके जानकीपुरम में उसका घर है और ये फ्लैट उसकी पत्नी के नाम पर है। साथ ही लखनऊ में दो बीघा जमीन उसके नाम पर है। 20 लाख से अधिक का बैंक बैलेंस हैं।
एसटीएफ का ऐलान और अपील: एसटीएफ ने इसके साथ ही ऐलान और अपील जारी की है। ऐलान के अनुसार जो छात्र सचिवालय रक्षक परीक्षा में अनुचित साधन से उत्तीर्ण हुए हैं, उनको चिन्हित कर लिया गया है। एसटीएफ ने साथ ही अपील की है कि ऐसे अभ्यर्थी अपने बयान खुद आकर दर्ज करा लेंगे तो उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।