बता दें कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और इसी दंगे के दौरान बिलकिस बानों के परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं दंगाइयों ने बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया था।
गुरुवार को दोषियों की गुजरात सरकार की ओर से रिहा किए जाने के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि दोषियों की रिहाई के फैसले में दिमाग का इस्तेमाल किया गया या नहीं। इस अदालत ने दोषियों की रिहाई का आदेश नहीं दिया था। सरकार को सिर्फ इस पर अपनी रिहाई नीति के आधार पर विचार करने को कहा था।
सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले की अब दो सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला लिया है। शीर्ष अदालत के रुख से साफ है कि बिलकिस बानो के रेप के दोषियों की रिहाई पर वह कोई सख्त फैसला ले सकता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा दंगों के दौरान 14 लोगों की हत्या और महिलाओं के सामूहिक बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों को सजा में छूट देने पर गुजरात सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी।