पार्टी” के सातवें स्थापना दिवस पर डा0सजय निषाद अखिलेश और मायावती पर भड़के, - मानवी मीडिया

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Tuesday, August 16, 2022

पार्टी” के सातवें स्थापना दिवस पर डा0सजय निषाद अखिलेश और मायावती पर भड़के,


लखनऊ (मानवी मीडिया) आज निषाद पार्टी के  राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री   डॉ. संजय कुमार निषाद  के निर्देशानुसार "निर्बल इंडियन शोषित हमारा दल", “निषाद पार्टी” के सातवें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तरप्रदेश राज्य के 75 जिले समेत हरियाणा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यो में स्थापना दिवस समारोह बनाया गया है। सबसे पहले तो निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” की तरफ से सभी देशवासियों एवं प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के 75वें अमृत महोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

निषाद पार्टी देश के प्रत्येक नागरिकों विषेश रुप से विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर, शोषितों, पीड़ितों, सत्ता के सताए, भेदभाव, उपेक्षा के शिकार, देश को आजाद कराने वाले उजड़े परिवारों को संवैधानिक सुरक्षा, प्रत्येक क्षेत्रों में हिस्सेदारी, सब की सेवा के लिए हमारे कार्यकर्ताओं के समर्पण, उर्जावान, दृढ़संकल्प लोगों की पार्टी है। विगत 7 वर्षों से सबकी सेवोओं में समर्पित निषाद पार्टी के स्थापना दिवस पर हम अपने सभी महान संस्थापक सदस्यों का नेताओं और करोड़ों कार्यकर्ताओं का आभार, कर्तव्यनिष्ठ, अमूल्य त्याग, प्रेरणादाई नेतृत्व और कठिन परिश्रम से आज निषाद पार्टी को न सिर्फ उत्तर प्रदेश की सबसे तेज गति से जनाधार प्राप्त करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। साथ ही यह  प्राचीन भारतीय संस्कृति, सर्व समावेशी सामाजिक चेतना, सदियों से उपेक्षित सोये हुए समुदाय में राजनीतिक चेतना लाकर जागृति करना, राष्ट्रवाद और विकासनोमुखी राजनीति का पर्याय बन चुकी है। 

यह स्थापना दिवस हम समाजिक समरुकता दिवस के रूप में भी मना रहे है। जो सभी जाति धर्म के लोगों को सम्मान, अधिकार और हक़ दिलाने का कार्य करेगा।

 निषाद  के अनुसार निषाद पार्टी का उदय ही आरक्षण को लेकर हुआ है और हम लगातार इस पर कार्य कर रहे है। आरक्षण के मुद्दे को लेकर लगातार हम माननीय गृह मंत्री अमित शाह,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और  मुख्यमंत्री योगी   से वार्ता कर रहे है और आरक्षण की फाइल पर आर.जे.आई. का जबाब भी आ गया है जिस पर सामाजिक न्याय मंत्रालय में उस पर विचार किया जा रहा है और हम भी लगातार सामाजिक न्याय मंत्रालय के संपर्क में है और जल्द ही इसकी घोषणा भी की जाएगी।

आज हम भले आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाए है परंतु इससे पहले के सरकारों के नाकामी की वजह से हमारा मछुआ समाज आजाद विहिन है, भूखमरी, बेरोजगारी एवं शिक्षा के अधिकार से विहिन इस मछुआ समाज को आजादी नहीं मिली हैं। आजादी के इतने वर्षों तक देश और प्रदेश में राज भोगने वाली कांग्रेस-सपा-बसपा समेत तमाम पार्टियों ने मछुआ समाज को केवल वोट बैंक समझा और चुनाव के बाद इनका अधिकारों को छीनने का काम किया। 

निषाद पार्टी का 2016 में जब गठन हुआ तब मझवार, गौड़, तुरैहा, खरवार, बेलदार, खरोट, कोली आदि जाति व उपजातियों को भारत के नागरिक होने के बाद भी इन्हें मिलने वाले 5 मौलिक अधिकार से भी वंचित रखा गया था। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल ने सभी वंचितों और शोषितों की आवाज को उठाने के साथ ही मछुआ समाज के हक-अधिकार के लिए सड़क से लेकर सदन की लड़ाई लड़ने का काम किया है और जब तक इनका आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक चैन से बैठने वाली नहीं। लोग यह न समझे कि हम सिर्फ आरक्षण कि ही लड़ाई लड़ रहे हैं हम तब तक लड़ेंगे जब तक हमारे समाज के आखिरी व्यक्ति तक समानता के सभी अधिकार न पहुचें। देश को आजाद कराने वाली मछुआ कौम को आजादी के बाद ही अनुसुचित जाति में रखा गया लेकिन अचानक बिना किसी कारण के 1992 में केंद्र सरकार ने बिना संसद में किसी बहस के अनूसुचित जाति से निकाल बाहर कर दिया। 2009 में  मायावती के नेत्तृव वाली प्रदेश सरकार ने केंद्र से बिल वापस करवा लिया। 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार के कार्यकाल के पूर्ण होने से 4 महीने पहले निषाद वोट बैंक की राजनीति करते हुए पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित जाति में डालने का कार्य किया, जिसके बाद बसपा द्वारा संचालित संगठन वामसेफ ने स्टे ले लिया। निषाद मतदाताओं को केवल राजनीति के अंदर मोहरा समझा गया है। कभी पिछड़ी से अनूसुचित तो कभी अनुसूचित से पिछड़ी में डालकर फूटबॉल बनाने का काम किया है। लेकिन आज हमे भाजपा शीर्ष नेतृत्व और प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  गृह मंत्री अमित शाह और  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  पर पूरा भरोसा है कि उनके नेतृत्व में मछुआ समाज का आरक्षण जल्द ही हमको मिलेगा।

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