मुंबई(मानवी मीडिया): महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने आज विश्वास मत जीतने के बाद बतौर मुख्यमंत्री विधानसभा में अपना पहला भाषण दिया। इस दौरान व भावुक हो गए। शिंदे ने शिवसेना के साथ विद्रोह के बाद अपने परिवार पर खतरे को लेकर बात करते हुए अपने दो बच्चों का जिक्र किया, जिनकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘जब मैं ठाणे में शिवसेना पार्षद के रूप में काम कर रहा था, मैंने अपने 2 बच्चों को खो दिया और सोचा कि सब कुछ खत्म हो गया है … मैं बिलकुल टूट गया था लेकिन आनंद दीघे साहब ने मुझे राजनीति में बने रहने के लिए मना लिया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘उन्होंने मेरे परिवार पर हमला किया। मेरे पिता जीवित हैं, मेरी मां की मृत्यु हो गई। मैं अपने माता-पिता को ज्यादा समय नहीं दे सका। मैं अपने बेटे श्रीकांत के साथ भी समय नहीं बिता पाता। मेरे दो बच्चों की मृत्यु हो गई। उस समय, आनंद दीघे ने मुझे सांत्वना दी। मैं सोचता था कि जीने के लिए क्या है? मैं अपने परिवार के साथ रहूंगा। ”
आज विश्वास मत जीतने के बाद विधानसभा के उन्होंने बतौर सीएम अपने पहले भाषण में कहा, “मेरे साथ क्या-क्या हुआ। ये सब जानते हैं। विधानपरिषद के पहले मुझे एक दिन बालासाहेब और आनंद दीघे की वो बाते याद आई कि अगर आदर्श को जीवन्त रखना है तो द्रोही बनो। मैंने लोगों को फोन किया और लोग साथ आए। मेरे सभी 40 लोग मेरे साथ रहे, तब जाकर ये सरकार अस्तित्व में आई।”
बता दें कि आज महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान शिंदे सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला। विपक्ष में केवल 99 वोट पड़े। वोटिंग के समय 266 विधायक सदन में मौजूद थे। हालाँकि, इनमें से तीन विधायकों ने वोट नहीं डाला। 21 विधायक सदन से गैरहाजिर रहे। उधर, एनसीपी नेता अजीत पवार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं। इस पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा बाला साहेब ठाकरे का सपना पूरा हुआ। शिंदे ने यह भी बताया कि विधान परिषद चुनाव के दिन उनके साथ बदसलूकी हुई थी।