लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में महात्मा ज्योतिबाफूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय इससे पूर्व 2005 तथा 2016 में भी नैक ग्रेड प्राप्त कर चुका है, इसमें वर्ष 2005 की नैक मूल्यांकन पद्धति के अनुसार विश्वविद्यालय के लिए ‘बी’ ग्रेड तथा शिक्षा के लिए ‘ए प्लस’ ग्रेड प्राप्त हुआ था। जबकि वर्ष 2016 में हुए नैक मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को ‘बी’ ग्रेड प्राप्त हुआ था। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई तैयारियों की वर्तमान नैक मूल्यांकन पद्धति के अनुसार सभी सातों क्राइटेरिया पर बिन्दुवार समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने विभिन्न बिन्दुओं पर प्रस्तुतिकरण की व्याख्या को कमजोर पाया। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन के लिए अपने पक्ष को समग्रता के साथ बेहतर तरीके से प्रस्तुत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तैयारियों के लिए गठित टीम के सभी क्राइटेरिया के सदस्य एवं ही जगह बैठकर एक साथ तैयारी करें, जिससे प्रस्तुतिकरण की सभी खामियों को दूर किया जा सके।
बिन्दुवार समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने लाइब्रेरी खोलने की समय-सीमा बढ़ाने, उसमें विविध गतिविधियों करवाने, विषय पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद पुस्तकों को केन्द्र सरकार से क्रय करने और शोध ग्रन्थों केा शत्-प्रतिशत् शोध गंगा पर अपलोड करवाकर प्रस्तुतिकरण सशक्त करने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय में निर्मित ‘पांचाल संग्रहालय’ को प्रस्तुतिकरण में विशेष रूप से प्रदर्शित करने को कहा। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में रूहेलखण्ड क्षेत्र के इतिहास का सशक्त प्रस्तुतिकरण करें तथा स्कूली बच्चों को विशेष रूप से भ्रमण कराकर इतिहास की जानकारी भी दें।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 के0वी0 सिंह ने अपने प्रस्तुतिकरण में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के गोद लिये एक स्कूल में की गई गतिविधियों को भी शामिल किया। राज्यपाल जी ने इस स्कूल के बच्चों को नैक मूल्यांकन के लिए विजिट करने वाली पियर टीम के आगमन पर विविध कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार स्कूल शिक्षा के समय ही बच्चे उच्च शिक्षा की गतिविधियों से जुड़कर अपना विकास कर सकेंगे।
इसी क्रम में राज्यपाल ने कम विद्यार्थियों वाले विषयों के शिक्षकों को उसी विषय पर महाविद्यालयों में शिक्षण से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रोफेशनल शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों, विशेष रूप से कानून के छात्रों को उनके कार्यक्षेत्र के बेहतर ज्ञान के लिए गरीबों और किसानों के कार्यों से निःशुल्क जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने गोद लिए गांवों में कानूनी सहायता निःशुल्क प्रदान करने के लिए इन छात्रों को भेज सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के कार्य-सम्पादन की जिम्मेदारियों से जोड़ने, नैक मूल्यांकन और उसके लाभों से परिचित कराने, पियर टीम विजिट के दौरान सहभागी होने के लिए उनको भी बेहतर जानकारी से सम्बद्ध रखने को कहा।
विश्वविद्यालय परिसर की साफ-सफाई पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने कार्यालयों तथा शौचालयों की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने समग्र प्रस्तुतिकरण को उत्कृष्ट बनाने पर जोर देते हुए कहा कि सशक्त तैयारी के साथ ‘ए प्लस’ ग्रेड प्राप्त करने योग्य एस0एस0आर0 (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) दाखिल की जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, विशेषकार्याधिकारी शिक्षा, संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा ब्रह्मदेव तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।