उन्होंने कहा शिक्षिकाओं की यदि किसी भी तरह की कोई परेशानी है तो उसको हल करने की जिम्मेदारी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी की है वे उनकी समस्याओं का समाधान करें किसी भी स्वार्थ बस यह उत्तर प्रदेश में किसी भी महिला शिक्षक का अगर उत्पीड़न हुआ उसका शोषण हुआ तो संबंधित को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ बड़ी से बड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ।
उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो विद्यालयों में धनराशि भेजी जा रही है अगर उसमें किसी भी स्तर से कोई भी कटौती होती है तो यह अपराध की श्रेणी में आएगी और यह पूरी तरह से अक्षम नही होगी इसलिए समस्त जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ये जिम्मेदारी है कि स्कूलों की धनराशि को सुरक्षित और शत-प्रतिशत भेजें प्रदेश में कहीं से भी कोई कटौती होती है तो इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की होगी यदि ऐसा कोई भी मामला संज्ञान में आता है तो इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी
उन्होंने यह भी बताया कि जहां भी शिक्षकों की मीटिंग होती हैं वहां पर बीएसए स्वयं उपस्थित हो और शिक्षकों की जो परेशानी है जो समस्याएं उनको सुने और उनका समाधान करें जिससे शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा वातावरण बने जिसमें नौनिहाल अच्छे वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकें और अपने जीवन को उन्नतशील बना सकें ।
विद्यालय के शिक्षकों का भी दायित्व है कि वे शिक्षण कार्य के प्रति सचेत रहें । समय से विद्यालय आएं समय से समस्त क्लासों का संचालन करते हुए बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करें ।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वे हर जिले के जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से रिपोर्ट लेंगे जिस जिले में लगेगा कि जिस जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी उदासीन है या लापरवाह है उनके खिलाफ कार्यवाही निश्चित रूप से की जाएगी इसलिए उत्तर प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने कार्य के प्रति जागरूक रहें और अपने अधीनस्थों की समस्याओं का समाधान कराते हुए शिक्षा का वातावरण बनाए जिससे देश का भविष्य है वह शिक्षित होकर अपने उन्नति के मार्ग पर चल सके।