एक अभिभावक ने कहा, हमारे बच्चे रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए और पले-बढ़े। जब हमारा सात साल का बच्चा बिरयानी की मांग करता है, तो उसे समझाना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि वह वही बोल रहा है, जो उसे स्कूल में पढ़ाया गया है। गुलमोहर नाम की किताब हैदराबाद के एक प्रकाशक द्वारा प्रकाशित की गई है। इसे सीबीएसई बोर्ड द्वारा कक्षा 2 के छात्रों के लिए जारी की गई है। इस मामले में बजरंग दल और विहिप के नेताओं ने राज्य के शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई है।
कुछ अभिभावकों ने आरोप लगाया कि यह किताब स्कूली शिक्षा के इस्लामीकरण का एक प्रयास है। उनका कहना है कि कि यह किताब उनके बच्चों और हिंदू संस्कृति के बीच एक खाई पैदा कर रही है। दरअसल, सीबीएसई द्वारा जारी इस उक्त किताब में 113 पेज हैं और इसकी कीमत 352 रुपये है।