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Thursday, July 7, 2022

इस तरह चीन भेजा जा रहा था भारत का पैसा, 465 करोड़ रुपए समेत 2 किलो सोना जब्त


लखनऊ (मानवी मीडिया): VIVO मोबाइल बनाने वाली कंपनी पर प्रवर्तन निदेशलय की पड़ी रेड के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं। ED ने VIVO मोबाइल बनाने वाली कंपनी और उससे जुड़ी 23 कपंनियों पर छापा मारा। इस दौरान 119 अकाउंट से 465 करोड़ रुपये जब्त किए। इसके अलावा 73 लाख रुपये कैश और 2 किलो सोना भी जब्त किया गया। जानकारी के अनुसार ED ने ये छापेमारी 5 जुलाई को Vivo Mobiles और उससे जुड़ी कपंनियों के 48 ठिकानों पर की थी। छापेमारी के दौरान कंपनी और उसके कर्मचारियों समेत चीन के नागरिकों ने भी इस काईवाई को रोकने की कोशिश की। कुछ ने तो डिजिटल डिवाइस को छिपाने की कोशिश भी की ताकि सबूत ना जुटाये जा सके और भागने की कोशिश भी की।

दरअसल, एजेंसी ने इसी साल फरवरी में दिल्ली पुलिस में दर्ज एक मामले के आधार पर मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस को Ministry of Corporate Affairs ने एक शिकायत दी थी कि M/s Grand Prospect International Communication Pvt Ltd के शेयर होल्डर ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कंपनी को फर्जी पते पर रजिस्टर्ड करवाया है। ये M/s GPICPL कंपनी 3 दिसंबर 2014 को सोलन, गांधी नगर और जम्मू में रजिस्टर्ड हुई थी। जांच में पाया गया कि जो पते दिये गये थे वो सरकारी इमारत और सरकारी अधिकारीयों के घर के पते थे।

इसके बाद ईडी एक्टिव मूड में आया और जांच आगे शुरू हुई। जाँच में सामने आया कि 1 अगस्त 2014 को जब भारत में Vivo Mobile जोकि हांगकांग की कंपनी Multy Accord Ltd की सब्सिडरी है, रजिस्टर्ड हुई थी और इसके कुछ महीनों बाद ही यानी दिसंबर 2014 में M/s GPICPL रजिस्टर्ड हुई, जो कि फर्जी पतों पर थी। इस कंपनी को चीन के तीन नागरिक Bin Lou, Zhengshen Ou और Zhang Jie ने भारतीय CA नितिन गर्ग की मदद से बनवाया था। जांच में आगे पता चला कि मास्टरमाइंड Bin Lou पहले Vivo में भी डायरेक्टर था और उसने देश में Vivo के दाखिल होने के समय के आसपास ही 18 कंपनियां बनाई और इसके अलावा Zhixin Wei नाम के चीनी नागरिक ने 4 कंपनियां बनाई. ये सब कंपनियां साल 2014-15 के दौरान बनाई गईं थी।

कंपनियों ने किया पैसा ट्रांसफर

एजेंसी की जांच में आगे पता चला कि इन कंपनियों ने काफी पैसा Vivo India को ट्रासंफर किया और इसके अलावा भारत में मोबाइल की सेल से जो 1,25,185 करोड़ कमाए थे, उसमें से भी 62,476 करोड़ देश से बाहर चीन में भेज दिए, जो रकम बाहर भेजी गई, उसे घाटे में दिखाया गया ताकि टैक्स देने से बचा जा सके। ED का कहना कि इस मामले से जुडा मुख्य आरोपी Bin Lou 26 अप्रैल 2018 को ही देश से फरार हो गया था और दूसरे आरोपी Zhengshen Ou और Zhang Jie साल 2021 में मामला दर्ज होने की भनक लगते ही फरार हो गए। वहीँ, इस मामले में भारत में चीन के दूतावास ने ED की इस कारवाई पर एतराज जताया है

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