शाही द्वारा कृषि विभाग से सम्बन्धित उपलब्धियों का विषयवार विविरण निम्नवत है:-
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि:
ऽ ग्यारहवीं किश्त में 2.43 करोड़ किसानों को रु. 4949.88 करोड़ का भुगतान।
ऽ ओपन सोर्स से प्राप्त 1,85,087 पंजीकृत लाभार्थियों का डेटा सत्यापित।
ऽ योजना प्रारम्भ (01.02.2019) से अबतक कुल रु. 48,311 करोड़ का भुगतान2.60 करोड़ कृषकों के खातों में हस्तांतरित।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी.एम. कुसुम):
ऽ प्रदेश में वर्ष 2022-23 में अबतक 10,000 कृषकों का चयन पूर्ण। चयनित कृषकों द्वारा कृषक अंश की धनराशि सम्बंधित बैंक में जमा कराये जाने के उपरान्त उनके खेतों पर सोलर सिंचाई पम्प की स्थापना की कार्यवाही ।
ऽ वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक अद्यतन 26407 सोलर सिंचाई पम्पस्थापित।
मिशन प्राकृतिक खेती:
ऽ बुन्देलखण्ड के समस्त 47 विकास खण्डों के प्रत्येक विकास खण्ड में 50 हे0आकार के 10 क्लस्टर की कार्ययोजना।
ऽ सीमा, रहमान खेड़ा, लखनऊ में मास्टर ट्रेनर (समस्त जनपदों में तैनात श्रेणी-2 केविभागीय अधिकारी, के0वी0के0 के वैज्ञानिक तथा प्राकृतिक खेती से जुड़े कृषक) के रूप में कुल 202 अधिकारी/वैज्ञानिक प्रशिक्षित।
ऽ जनपद स्तर पर समस्त कृषि कार्मिकों का प्रशिक्षण, प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों द्वारा।
ऽ प्रदेश के 133 राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों पर 10-20 हे0 क्षेत्रफल पर 1 हे0 एवं 20 हे0से अधिक क्षेत्रफल पर 2 हे0 भूमि में प्राकृतिक खेती के प्रदर्शन प्लाट खरीफ सेप्रारम्भ।
पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना:
ऽ प्रदेश में बंजर/बीहड़ भूमि के सुधार तथा जल भराव क्षेत्र के सुधार हेतु 602.68करोड़ (राज्य सेक्टर से रु. 501.59 करोड़, रु. 51.25 करोड़ मनरेगा से एवं
रु. 49.84 करोड़ कृषक अंश) की योजना स्वीकृत।
ऽ 2,19,250 लाख हे0 समस्या ग्रस्त क्षेत्र का उपचार 5 वर्षों में लक्षित।
ऽ योजना में कन्टूर बांध, फील्ड बांध, मार्जिनल बांध, सबमर्जन्स बांध, डब्लू एच.बी., चेकडेम, फसल प्रदर्शन, लेजर लेवलिंग, ड्रेन उपचार इत्यादि।
कृषि कल्याण केन्द्र:
ऽ 54 कृषि कल्याण केन्द्र पूर्णतयः क्रियाशील।
ऽ अब तक स्वीकृत 336 कृषि कल्याण केन्द्रों में से 184 केन्द्र क्रियाशील।
ऽ इन केन्द्रों को बीज, कृषि रक्षा रसायन एवं कृषक प्रशिक्षण के रूप में उपयोग।
कृषक उत्पादक संगठन:
ऽ नई सरकार के गठन के पश्चात् 313 एफ0पी0ओ0 पोर्टल पर पंजीकृत। योजनाकाल से अबतक 1265 एफ0पी0ओ0 पंजीकृत।
ऽ प्रदेश में 336 विकास खण्डों में एक भी एफ0पी0ओ0 गठित न होने के कारणक्रियान्वयन एजेंसी निर्धारित किया गया। लक्ष्य:- यू0पी0 डॉस्प-100, सीमारहमानखेड़ा-400, हॉपेड-60, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता संघ-38, पी0सी0एफ0-38।
लम्बित योजना पूर्णः
ऽ राजकीय कृषि विद्यालय, बुलन्दशहर में प्रसार संचार एवं प्रशिक्षण सुविधाओं काविकास (रू. 19.9 करोड़)।
ऽ जनपद देवरिया में ट्रेनिंग सेन्टर /कृषि संसाधन केन्द्र का निर्माण (लागत रू. 4.8करोड)।
ऽ राजकीय कृषि प्रक्षेत्र रहीमाबाद, कटियार (लखनऊ) एवं कासिमाबाद (हरदोई) में अवस्थापना विकास (कुल रू. लागत 22.5 करोड)।
ऽ सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस सीमा, रहमानखेड़, लखनऊ में अधिकारी/ कृषक छात्रावास वअन्य अवस्थापना विकास (लागत रू. 17.72 करोड़)।
ऽ प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 54 कृषि कल्याण केन्द्रों का निर्माण (लागत रू. 0.8करोड़ प्रति इकाई)।
ऽ जनपद जालौन में 40,000 कुन्तल वार्षिक क्षमता (लागत रू. 7.55 करोड़) के बीजविधायन केन्द्रों की स्थापना।
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान:
ऽ कृषि विज्ञान केन्द्रों को कृषक हित में और जवाबदेह बनाने हेतु उनकी कार्ययोजनाबनाना तथा क्रियान्वयन का अनुश्रवण करने हेतु उपकार, नोडल एजेंसी नॉमित।
ऽ कृषि विज्ञान केन्द्रों पर प्रशिक्षण, बीज उत्पादन, विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती समाहित।
ऽ 4 कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रशासनिक भवन का कार्य पूर्ण यथा - अमरोहा,बहराइच-द्वितीय, बदायूँ-द्वितीय, कासगंज।
ऽ प्रदेश के 68 कृषि विज्ञान केन्द्रों पर सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के अन्तर्गत हाइटेकनर्सरी स्वीकृत।
ऽ आई0सी0ए0आर0 के माध्यम से प्रदेश में 32 कृषि ड्रोन की कार्ययोजना स्वीकृत,जिसमें 9 आई0सी0ए0आर0 के संस्थानों को 2-2, कृषि विश्वविद्यालयों को 2-2 एवं 10 कृषि विज्ञान केन्द्रों पर 1-1 कृषि ड्रोन स्वीकृत।
ऽ प्रदेश के समस्त 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों को साहीवाल गाय उपलब्ध कराने कानिर्णय एवं एक-एक एकड़ प्राकृतिक खेती प्रदर्शन के प्रक्षेत्र खरीफ अभियान हेतुचिह्नांकित एवं प्रारम्भ।
ऽ चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर का राष्ट्रीयमूल्यांकन एवं प्रत्यायन द्वारा प्रथम बार मूल्यांकन।