मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, बीएसपी एनडीए या यूपीए की पिछलग्गू पार्टी नहीं है। बीएसपी स्वतंत्र और निडर रहकर काम करनेवाली पार्टी है। अगर कोई पार्टी देश के उपेक्षित वर्ग के हित में काम करती है तो बीएसपी उसके साथ खड़ी होती है, चाहे वो हमारे लिए कितना ही नुकसानबदेह क्यों न हों।’
उन्होंने कहा कि बसपा का उद्देश्य बाबा साहब के सिद्धांतों पर काम करना है। बसपा को बदनाम करने का भी ये लोग कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। हमारे एमएलए को तोड़ने का काम करते हैं। कांग्रेस तो इसमें विशेष काम करती है। यूपी में बीएसपी के नेतृत्व में चार बार की सरकार ने दलितों शोषितों और वंचितों के हित में काम किया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति चुनाव में हमें ये देखने को मिला कि विपक्षी दलों ने अपनी मनमानी की। बीएसपी को विपक्ष ने अलग-थलग रखा है। पहले बंगाल की सीएम द्वारा एकतरफा चुनिंदा लोगों को बुलाना। फिर शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में बीएसपी को नजरअंदाज करना। इनकी एकता दिखावा ही लगती है।’
मायावती ने कहा कि बसपा को बीजेपी की बी टीम बताना भी इनकी जातिवादी मानसिकता का परिचायक है। अलग- अलग पार्टी होते हुए भी ये सभी पार्टियों एक होकर बीएसपी के खिलाफ हो जाती हैं, लेकिन बीएसपी बाबा साहब के लक्ष्य पर डट कर खड़ी रहती है। राष्ट्रपति चुनाव में बसपा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करती है। हम एनडीए को नहीं, बल्कि एक आदिवासी प्रत्याशी के समर्थन में मतदान करेंगे।