यह जानकारी सुनील भराला ने आज बापू भवन के सभागार में आयोजित की गयी प्रेस वार्ता में दी।
भराला ने बताया कि उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद् द्वारा संचालित डॉ०ए०पी०जे०अब्दुल कलाम श्रमिक प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना के अन्तर्गत डिग्री पाठ्यक्रम हेतु वितरित की जाने वाली हितलाभ की धनराशि रु0 15000 के स्थान पर रू0 25000, डिप्लोमा पाठ्यक्रम हेतु रू0 10000 के स्थान पर रू0 15000 तथा सर्टिफिकेट पाठ्îक्रम हेतु रू0 7000 के स्थान पर 10000 किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसे 01 जुलाई 2022 से लागू भी किया जायेगा।
प्रेस वार्ता के उपरान्त उ०प्र० श्रम कल्याण परिषद की 88वीं की बैठक बापू भवन, लखनऊ में अध्यक्ष श्रम कल्याण परिषद, श्री सुनील भराला जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी।
बैठक में सुनील भराला ने कहा कि श्रमिक परिवार के बच्चों के पठन-पाठन हेतु प्रदेश में संचालित पुस्तकालयों में किताबें उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि श्रमिकों व कर्मचारियों के पुत्र/पुत्रियों के शिक्षण में सहायता के दृष्टिगत प्रथम चरण में मेरठ और कानपुर में पुस्तकालय का निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि परिषद की अपनी लाईब्रेरी का निर्माण होने तक प्रथम चरण में मेरठ और कानपुर में लाईब्रेरी स्थापित करने हेतु विश्वविद्यालयों तथा शासकीय कार्यालयों आदि से स्थान आवंटन हेतु अनुरोध किया जायेगा।
भराला ने बताया कि श्रमिक कल्याण भवन, शास्त्रीनगर, कानपुर को श्रमिकों को रू0 5000/- तथा अन्य व्यक्तियों को 10000/- प्रति दिन की दर से आवंटित किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में परिसर की नियमित साफ-सफाई व अन्य समस्त कार्यों के सम्पादन हेतु पूर्णकालिक सफाई सेवक को नियुक्ति किये जाने के दृष्टिगत श्रमिकों को रू० 5000/- प्रतिमाह की दर से तैनात किये जाने तथा कांफ्रेन्स व मीटिंग इत्यादि के लिए भी इस भवन को आवंटित किये जाने के निर्देश उच्च अधिकारियों को प्रदान किये गये। उन्होंने सुझाव दिया कि इस भवन का सुदृढ़ीकरण और विस्तार भी किया जाय, ताकि इससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
भराला ने अस्पताल, विश्वविद्यालय, मेडिकल कालेज, वाणिज्यिक अधिष्ठानों में काम करने वाले श्रमिकों को भी परिषद की योजनाओं से आच्छादित किये जाने हेतु श्रमिक की परिभाषा में आवर्त किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये है। उन्होंने मेरठ तथा गोरखपुर जनपद में चेतन चौहान क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत टूर्नामेंट न कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, इसे निर्धारित समय (30 जून) तक सम्पन्न कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सुषमा स्वराज महिला सशक्तिकरण श्रमिक महिला कल्याण योजना तथा डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी श्रमिक सहायता योजना का शुभारम्भ 01 जुलाई 2022 से किए जाने तथा 15 जुलाई से लाभार्थियों को इस योजना का हित लाभ प्रदान किए जाने के निर्देश उच्च अधिकारियों को प्रदान किये।
भराला ने कहा जिन प्रतिष्ठानों का कारखाना अधिनियम के तहत पंजीयन नहीं कराया गया है, उनका नियमानुसार पंजीयन कराया जाय। उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों के प्रकरण/मामले, जिनमें श्रम कल्याण निधि अधिनियम एवं अधिसूचित नियमावली में उल्लिखित नियमों के अन्तर्गत परिषद द्वारा लिये गये निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए श्रम कल्याण आयुक्त को अधिकृत किया गया है, उन प्रकरणों मंे उन्हीं के माध्यम से आदेश जारी किये जायें। शासन को मात्र संसूचित किया जाये।
भराला ने कहा कि सुषमा स्वराज महिला सशक्तीकरण श्रमिक महिला कल्याण योजना के तहत महिला श्रमिकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से सिलाई मशीन उपलब्ध कराये जाने का निर्णय पूर्व में लिया गया है, जिसका शीघ्र ही क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने निर्देशित किया कि क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर श्रम कल्याण परिषद की योजनाओं हेतु सभी जनपदों में अधिकारियों और कर्मचारियों को परिषद का नोडल अधिकारी नामित किये जायें, ताकि त्वरित रूप से योजनाओं का लाभ श्रमिकों का प्रदान किया जा सके।
अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने कहा कि जिन मामलों में निर्धारित नियमानुसार राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त किया जाना हो, केवल उन्हीं मामलों को शासन के अनुमोदन हेतु सन्दर्भित किया जाये, जिससे शासन को अनुमोदन हेतु अनावश्यक पत्र प्रेषित कर अमूल्य समय बचाया जा सके।
बैठक में परिषद के सदस्य कन्हैया लाल भारती, मुरहू राजभर, तथा अजीत जैन एवं राधे तथा विशेष आमंत्रित सदस्य भीम शर्मा व विवेक सक्सेना, अपर मुख्य सचिव (श्रम) सुरेश चन्द्रा, अपर श्रम आयुक्त सरयू राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।