अब स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखना होगा और भी आसान जाने - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, June 8, 2022

अब स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखना होगा और भी आसान जाने

 

लखनऊ (मानवी मीडिया)स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के जरिए केंद्र सरकार बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। ई-संजीवनी के जरिए पहले से ही लोग ऑनलाइन डॉक्टर से परामर्श कर रहे हैं। इसे आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) से भी जोड़े जाने से उत्तर प्रदेश के तकरीबन दो करोड़ लोगों को फायदा होगा। 

क्या होगा लाभ

दरअसल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने अपनी प्रमुख योजना- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के साथ ई-संजीवनी के एकीकरण की घोषणा की है। यह एकीकरण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को आसानी से अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट ( एबीएचए) बनाने और डॉक्टरी सलाह, लैब रिपोर्ट जैसे अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने और प्रबंधित करने आदि के लिए इसका उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। 

उपयोगकर्ता ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में भी सक्षम होंगे जो बेहतर नैदानिक निर्णय लेने और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। यानि अब ई-संजीवनी के उपयोगकर्ता अपना 14-अंक का अद्वितीय आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) बना सकते हैं और अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। यह ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को आसानी से अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता बनाने और अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को लिंक और प्रबंधित करने की अनुमति देगा।

डिजिटल हेल्थ अकाउंट धारक को होगा फायदा

इस एकीकरण के महत्व के बारे में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के मिशन निदेशक डॉ. मन्नान अख्तर ने कहा कि “एबीडीएम का लक्ष्य भारत में मौजूदा डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों और हितधारकों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए डिजिटल हाईवेज का निर्माण करना है। एबीडीएम के साथ ई-संजीवनी का एकीकरण एक ऐसा उदाहरण है जहां यूपी के दो करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट धारक ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकते हैं। उपयोगकर्ता अपने पहले से जुड़े हेल्थ रिकॉर्ड को ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे पूरी परामर्श प्रक्रिया कागज रहित हो जाएगी।

ई-संजीवनी सर्विस दो वेरिएंट में सुविधा

ई-संजीवनी सर्विस दो वेरिएंट में उपलब्ध है। पहला ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)- डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा है, जिसके माध्यम से एचडब्ल्यूसी में जाने वाले लाभार्थी डॉक्टरों, विशेषज्ञों, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज से जुड़ सकते हैं जो तृतीयक स्वास्थ्य सुविधा में हो सकते हैं। यह सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों और पृथक समुदायों में सामान्य और विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है।

दूसरा वेरिएंट, ई-संजीवनी ओपीडी देश भर में मरीजों की सेवा कर रहा है, उन्हें सीधे डॉक्टरों से उनके घरों तक आराम से जोड़ रहा है। दोनों वेरिएंट- ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी और ई-संजीवनी ओपीडी को एबीडीएम प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है।  

40 डिजिटल हेल्थ एप के साथ जुड़ा ई संजीवनी 

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म अब अन्य 40 डिजिटल हेल्थ एप्लीकेशन में शामिल हो गया है जो एबीडीएम से जुड़े हुए हैं। साथ में, ये स्वास्थ्य तकनीक सेवाएं देश के लिए एक मजबूत, अंतर-संचालित और समावेशी डिजिटल हेल्थ इको-सिस्टम का निर्माण कर रही हैं।

Post Top Ad