लखनऊः (मानवी मीडिया)उद्यमिता के पाठ्यक्रम में नवीनतम कौशल का संयोजन होना चाहिए ताकि विद्यार्थियों को इसकी पूर्ण जानकारी हो सके। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज अहमदाबाद स्थित उद्यमिता विकास संस्थान के 21वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमने एक समाज के रूप में उद्यमिता को अन्य करियर विकल्पों के समान स्थान दिलाने की दिशा में केंद्रित प्रयासों को निर्देशित करना शुरू कर दिया है। आज उद्यमिता को स्वाभाविक करियर विकल्प के रूप में बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है। यह शिक्षा उस अध्ययन की हिस्सा बननी चाहिए जहां छात्र जीवन में बहुत पहले ही जीत के गुणों व मूल्यों को आत्मसात कर लें ताकि वे उद्यमिता को एक स्वाभाविक करियर विकल्प के रूप में मानने की ओर उन्मुख हों। उन्होंने छात्रों से कहा कि अब आप अपने कॅरियर में निर्णय लेने के कगार पर हैं। अतः अब आप अपनी उद्यमिता की असीमित क्षमता का उपयोग करें।
इस अवसर पर राज्यपाल ज ने कुल 147 छात्रों को डिप्लोमा और फेलो से सम्मानित किया, जिसमें 139 छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और 8 छात्रों को प्रबन्धन में फेलो दिया तथा उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शैक्षिक पदक से भी सम्मानित किया।
उद्यमिता विकास संस्थान के अध्यक्ष श्री राकेश शर्मा ने कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के प्रयासों पर जोर दिया और कहा कि ईडीआईआई नये-नये मॉडल के जरिये सभी क्षेत्रों और खंडो में उद्यमिता और स्टार्ट अप को बढ़ावा दे रहा है।
संस्थान के महानिदेशक डॉ0 सुनील शुक्ला ने अपने सम्बोधन में कहा कि गुजरात और उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के छात्रों सहित वहां के विभिन्न लक्षित समूह में उद्यमिता को मजबूत करने हेतु ईडीआईआई द्वारा की गई कई गतिविधियां रेखांकित की।
इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, नई दिल्ली के महासचिव गवर्निंग बोर्ड के सदस्य श्री अनिल भारद्वाज, गवर्निंग बोर्ड की सदस्य सुश्री राजश्री पाटिल, उद्यमिता शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ0 सत्य रंजन आचार्य, संस्थान के शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारीगण भी उपस्थित थे।