लखनऊ (मानवी मीडिया) अलग-अलग आर्थिक क्षेत्रों को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान अब यूपी में तेजी से लागू होगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान पर निगरानी के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति बनाई गई है।
साथ ही अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग की अध्यक्षता में एक नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप भी बनाया गया है। इतना ही नहीं इन्वेस्ट यूपी के सीईओ की अध्यक्षता में एक तकनीकी सहयोग इकाई का गठन भी किया गया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यस्तरीय समन्वय समिति लॉजिस्टिक्स दक्षता का पता लगाने और योजना को अमलीजामा पहनाने के लिहाज से समीक्षा करेगी। परियोजनाओं में किसी भी परिवर्तन के लिए निर्धारित ढांचे व मानदंडों के अनुसार समन्वय करेगी।
सभी स्टेक होल्डर्स की जरूरतों को पूरा करने वाले एकीकृत पोर्टल के विकास पर विभिन्न पहलों को देखेगी। स्टील, कोयला और उर्वरक की आवश्यकता के आधार पर मांग पक्ष को पूरा करने के लिए परिवहन क्षमता के विकास के लिए दखल देगी।
यह समिति 500 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी हासिल करने के लिए हाई इंपैक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक परियोजनाओं की पहचान की समीक्षा करेगी। नेटवर्क योजना समूह और तकनीकी सहायता इकाई के विकास के संबंध में सुनवाई करेगी।
नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप वर्ष 2024-25 तक अपनी कार्ययोजनाओं को एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। ताकि, नियोजन के माध्यम से लॉजिस्टिक्स की लागत को कम किया जा सके। नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के उन प्रस्तावों का भी परीक्षण किया जाएगा, जो वर्तमान में मास्टर प्लान का भाग नहीं है।
संबंधित मंत्रालय और विभाग के नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होंगे कि मंत्रालय से संबंधित प्रगति के डाटा इनपुट को पीएम गति शक्ति एनएमपी में उचित प्रकार से मैप किया गया हो। यह पोर्टल विभिन्न संगठनों के डैशबोर्ड और परियोजना प्रबंधन मॉड्यूल से परियोजनाओं पर समीक्षा की सुविधा देगा। मास्टर प्लान में शामिल परियोजनाओं में किसी भी संशोधन के लिए समन्वय स्थापित करने में ईजीओएस की सहायता की जाएगी।