इस नाटक का निर्देशन नीतीश नंदन ने किया । तकिया कलाम एक पूरी तरह से हास्य नाटक है जिसमे तीन नवाबों और उनकी बेगमों की जीवन शैली से जुड़े किस्से है और लखनऊ के नवाबों के अंदाज ए बयां और उनके जीवन जीने के तरीकों और शौक खास तौर पर उनके तकिया कलाम को दिखाया गया है। किस तरह से नवाबों के शौक और उनके तकिया कलाम ने उनकी बेगमों को परेशान कर रखा है और जब अपने तकिया कलामों की वजह से वो मुसीबत में फंस कर जेल चले जाते है और फिर किस तरह से उनकी बेगमों ने उनको निकाला । नीतीश नंदन का कहना है की ये एक काल्पनिक कहानी है जिसको ये मान कर लिखा गया है की जिंदगी में कभी कभी बेवजह भी हंस लेना चाहिए।
इसमें मुख्य किरदारों में तीन नवाब है झुके मियां ,जागे मियां और कल्लन मियां है जिसका किरदार साहिल ,हर्ष कुमार केशरी और रोहित शर्मा और रवि प्रकाश दोहरे ने चौथे नवाब की भूमिका निभाई हैं जबकि अमीना और शाजिया बेगमों का किरदार ज्योति मौर्या और हर्षिता ने निभाया है। दारोगा एव सिपाही का किरदार शिवेंद्र एवम संजय और अन्य मुख्य किरदारों में बंसी का किरदार आयुष कुमार तिनके का किरदार गौरव भास्कर ने निभाया है। दोहरी भूमिका में विदेशी का किरदार आदर्श पांडे और अन्य किरदारों को अंकित , अक्षत ,उत्कर्ष आदि ने निभाया है।
लाइट एंड साउंड राज कुमार , क्रिएटिव डायरेक्शन राज नितिन और विकास दुबे ,सेट डिजाइनिंग और कॉस्ट्यूम ज्योति मौर्या एवम आयुष कुमार ने किया। मंच संचालन शशांक यादव ने किया ।कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व ए०डी०आर०एम० उत्तर रेलवे एवम डेप्युटी डायरेक्टर आधार प्रशांत सिंह , पूर्व अधिकारी उत्तर रेलवे समीर नंदन, पूर्व अधिकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण वेद प्रकाश दोहरे ,पूर्व अधिकारी आवास विकास मृदुला गौड़ और एल०पी० सी०पी०एस० के डीन डॉ लक्ष्मी शंकर अवस्थी ,समाजसेवी मिलित गौर भाजपा किसान मोर्चा से अजीत शुक्ला एवम जदयू के प्रदेश महामंत्री भैया हरी शंकर ने दीप जला कर किया। इनका स्वागत ऑपुलेंट के संस्थापक मनीष नंदन एवम धरित्री के संस्थापक नामित गौर ने किया।