लखनऊ (मानवी मीडिया) भारत की एकता और अखंडता के लिए बलिदान देने वाले महान शिक्षाविद् प्रखर राष्ट्रवादी और भारतीय जनसंघ के संस्थापक *डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी* के *बलिदान दिवस* के अवसर पर *इंस्टिट्यूट ऑफ आर्ट एंड कल्चर एवं कमला दयाल फाउंडेशन उत्तर प्रदेश* द्वारा उन्हे माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
उनके बलिदान दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय *राष्ट्र के विकास में जन सहभागिता* रखा गया।संगोष्ठी का शुभारंभ नगर निगम के *पूर्व उपसभापति रणजीत सिंह रंजीत* के द्वारा किया गया, उन्होंने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन संपूर्ण मानव समाज के लिए समर्पित रहा। उनके राष्ट्रवादी विचारधारा ने नए भारत की नींव रखी।
संगोष्ठी के *वरिष्ठ पत्रकार श्रीश सिंह* ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने देशभक्ति आपस में एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया।
समाजसेवी एवं वरिष्ठ चित्रकार संजीव गुप्ता* ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हम सबके के आदर्श हैं। उनकी प्रेरणा और सोच के आधार मानकर हमें राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
*संस्था के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप* ने कहा कि संपूर्ण भारत में एक नियम, एक संविधान और एक झंडा हो। इसके लिए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी संघर्ष करते रहे। आज हमें उनके इस सपने को साकार करने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ अतिथि राकेश प्रभाकर, पंकज कुमार,दिलीप कुमार, अरुण कुमार,अमित सक्सेना, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्राप्त रोहित कश्यप,अजीत कुशवाहा अन्य लोगों ने उपस्थित होकर राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए एक राष्ट्र खंड राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प लिया।