मुंबई (मानवी मीडिया) शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने जल्द मुंबई वापस जाने की बात कही है। मंगलवार को कई दिन बाद मीडिया के सामने आए एकनाथ शिंदे काफी कूल नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि हम अलग से पार्टी नहीं बना रहे हैं। हम तो आज भी शिवसेना में ही हैं। गुवाहाटी में बागी विधायकों के साथ मीटिंग के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवक्ता दीपक केसरकर आगे की रणनीति के बारे में जानकारी देंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि कुल 48 विधायक हमारे साथ हैं और एकजुट हैं। बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट के पास शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक हैं। इसके चलते उन्हें अयोग्य ठहराया जाना भी मुश्किल हो गया है।
इस बीच खबर है कि निर्दलीय विधायक और प्रहार पार्टी के दो एमएलए सरकार से समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपेंगे। कहा जा रहा है कि 30 जून को अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की भी मांग हो सकती है। राज्यपाल को करीब 10 विधायकों की चिट्ठी जा सकती है। दरअसल भाजपा इस पूरे मामले में संभलकर चल रही है और खुलकर यह नहीं दिखाना चाहती कि उसकी सरकार बनाने की मंशा है। ऐसे में वह खुद या एकनाथ शिंदे गुट के जरिए अविश्वास प्रस्ताव की मांग नहीं करना चाहती। ऐसे में निर्दलीय विधायकों को आगे करके पूरी रणनीति अमल में लाई जा सकती है।
खबरें तो यहां तक हैं कि भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट के बीच नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा हो गई है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अपने कोटे में 29 मंत्री रखना चाहती है, जबकि एकनाथ शिंदे गुट को भी 13 मंत्री पद मिल सकते हैं। इनमें 8 कैबिनेट मंत्री होंगे और 5 राज्यमंत्री के पद होंगे। यही नहीं एकनाथ शिंदे गुट की ओर से तो डिप्टी सीएम के पद की भी मांग की जा रही है, लेकिन इस पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है। मीडिया रिपोर्ट्स में अब सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भाजपा उन 9 बागियों को दोबारा जिम्मेदारी सौंप सकती है, जिनके विभाग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वापस ले लिए थे।
फडणवीस रवाना हुए दिल्ली, एकनाथ शिंदे भी भरेंगे उड़ान
इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। इसके अलावा बागी विधायक एकनाथ शिंदे भी राजधानी के लिए उड़ान भर सकते हैं। कहा जा रहा है कि राज्य में भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेगी। छोटे दल यह मांग उठा सकते हैं। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए भाजपा की रणनीति तैयार हो चुकी है।