अयोध्या (मानवी मीडिया) शहर की संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के उद्देश्य से आईजी जोन केपी सिंह, डीएम नितीश कुमार व एसएसपी शैलेश पाण्डेय ने रुट मार्च किया। प्रशासन लगातार धर्मगुरुओं से सम्पर्क करके शांति की अपील कर रहा है। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गयी है।
पिछले जुमे को कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन के बाद इस शुक्रवार को लेकर जनपद की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई तो पुलिस को लगातार पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी गुरुवार से ही बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से शांतिपूर्ण ढंग से जुमे की नमाज अदा करने की अपील की गई है। चेतावनी दी गई है कि यदि कहीं कोई अप्रिय घटना हुई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
नमाज को लेकर जिला प्रशासन कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। विभिन्न मस्जिदों के इमामों को कहा गया है कि वे नमाज के बाद लोगों को इकट्ठा कदापि न होने दें। सभी थानों और एसडीएम को लगाया गया है कि उनके क्षेत्र में कोई विरोध प्रदर्शन का ऐलान तो नहीं है, किसी संस्था ने प्रदर्शन आदि के पर्चे तो नहीं बांटे हैं। इसके अलावा मस्जिदों के बाहर समुदाय के कम से कम दो संभ्रांत नागरिक लगाए जाएं।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल मिलाकर 26 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं जो पुलिस बल के साथ निर्धारित क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह से नमाज अदा होने के दो घंटे बाद तक ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। इसके अलावा संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में दंगा नियंत्रण वाहन, वाटर कैनन, अग्निशमन दस्ता लगाया गया है। पीएसी और पुलिस के अतिरिक्त रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई है। पुलिस ने अलग अलग क्षेत्रों के लिए मोबाइल टीमों का गठन किया है जो सुबह से दोपहर बाद तक क्षेत्र के मूवमेंट पर रहेगी। शांति कमेटियों को भी सक्रिय किया गया है।
जिलाधिकारी नितिश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने कहा है कि अमन-चैन के साथ लोग जुमे की नमाज अदा करें। किसी भी प्रदर्शन आदि में शामिल न हों। दोनों अधिकारियों ने बताया कि समुदाय के सभी उलेमाओं से अपील की गई है और लगातार संवाद स्थापित किया जा रहा है।