(मानवी मीडिया) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन नीट पीजी 2021 (NEET PG 2021) की काउंसलिंग के बाद खाली बची 1,456 सीटों को भरने के लिए एक और स्पेशल स्ट्रे वेकैंसी राउंड की काउंसलिंग की मांग वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
यह सीटें अखिल भारतीय कोटा के लिए काउंसलिंग के एक दौर के आयोजन के बाद खाली रह गई हैं। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार को अपना फैसला तब सुनाएगी जब पक्षकारों के वकील अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे।
इस पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि फरवरी में कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और अब छह से आठ महीने तक कक्षाएं दोबारा आयोजित करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर काउंसलिंग के आगे के दौर आयोजित किए जाते हैं तो नीट 2022 शिक्षण से की शिक्षा भी समझौता किया जाएगा।
इससे पहले बुधवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीटों के खाली रहने के बावजूद एडमिशन नहीं दिए जाने को चिंता जताई थी और सरकार, एमसीसी तथा डीजीएचएस को तलब किया था।
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने बुधवार को शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उसने नीट-पीजी-21 के लिए चार दौर की ऑनलाइन काउंसलिंग पूरी कर ली है और सॉफ्टवेयर बंद होने के कारण वह स्पेशल स्ट्रे राउंड काउंसलिंग आयोजित करके 1,456 सीटें नहीं भर सकता।
याचिकाएं उन डॉक्टरों द्वारा दायर किया गया है जो नीट-पीजी 2021-22 परीक्षा में उपस्थित हुए थे और ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) काउंसलिंग और स्टेट कोटा काउंसलिंग के राउंड 1 और 2 में भाग लिया था, जिसके बाद ऑल इंडिया मॉप-अप और स्टेट मॉप-अप राउंड और सात मई को मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) द्वारा ऑल इंडिया स्ट्रे वेकैंसी राउंड के बाद संपन्न हुआ।
डॉ आस्था गोयल और अन्य द्वारा अधिवक्ता तन्वी दुबे के माध्यम से दायर याचिकाओं में से एक में कहा गया है कि 18 अप्रैल को, एक अधिसूचना के माध्यम से, एमसीसी ने घोषणा की कि यूजी काउंसलिंग में 323 खाली सीटें हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये कीमती सीटें बेकार नहीं जाए, वे उसके लिए एक विशेष स्ट्रे राउंड आयोजित करेंगे।
याचिका में कहा गया है कि यहां यह गौर करने की बात है कि यह एक ऐसी परंपरा है जिसका पहले एमसीसी द्वारा पालन किया गया है, जिसमें यूजी और पीजी के लिए विशेष स्ट्रे राउंड आयोजित किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीटें खाली न रहें, लेकिन इस साल नीट पीजी के लिए इसका पालन नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
इससे पहले बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में सरकार और एमसीसी से पूछा था कि जब आपको इतने डॉक्टरों और परम विशेषज्ञों की आवश्यकता है तो सीटें खाली रखने से आपको क्या मिलेगा? क्या आपके द्वारा कोई जिम्मेदारी महसूस की गई है? पीठ ने सख्त लहजे में कहा कि हर बार कोर्ट को दखल देना पड़ता है।
आप कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हैं? पीठ ने कहा कि अगर एक भी सीट खाली है, तो उसे भरा जाना चाहिए और बर्बाद नहीं होने दिया जाना चाहिए ... अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो हम आपके खिलाफ डॉक्टरों के जीवन और उनके भविष्य के साथ खेलने के लिए मुआवजे का आदेश देंगे।