लखनऊ (मानवी मीडिया) राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) के टेढ़ी कोठी स्थित मुख्यालय में जो 10-10 साल से एक ही कुर्सी पर बैठे थे और जिनकी जी हुजूरी में बड़े-बड़े अधिकारी आगे-पीछे लगे रहते थे, अब उनकी कुर्सी हिलने लगी है। इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तीन साल से एक ही पद पर जमे अधिकारी एवं कर्मचारी को हटाने का निर्देश है।
ऐसे निर्देश तो पहले भी दूसरी सरकारों में हुए मगर, अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक एवं अपर प्रबंध निदेशक ने अमल नहीं किया। इसके कारण उनके शिविर में निजी सचिव से सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक का प्रमोशन पाने के बाद भी अधिकारी नहीं हटाए गए। ये उदाहरण बानगी भर भले हो, मगर मुख्यालय में ऐसे लोगों की तादाद अनगिनत है। इनको अब मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) नरेंद्र सिंह ने नोटिस जारी कर तैनाती का विकल्प भरने के लिए कहा है। इनमें अध्यक्ष शिविर के संतोष कुमार, प्रबंध निदेशक शिविर के नीरज कुमार, अपर प्रबंध निदेशक शिविर के राम आसरे के नाम भी शामिल हैं। निगम मुख्यालय में 15 से अधिक सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अटैच है जबकि प्रदेश के डिपो खाली पड़े हैं। यहां पर सीनियर फोरमैन एवं यातायात अधीक्षक से काम चलाया जा रहा है।
चार-चार प्रमोशन के बाद भी नहीं हटे
टेढ़ी कोठी स्थित मुख्यालय में अनगिनत कर्मचारी प्रमोशन पाकर अधिकारी बने, मगर मुख्यालय से नहीं हटे। ये कर्मचारी लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) से भर्ती हुए और प्रमोशन पाने के बाद भी मुख्यालय से बाहर तबादला नहीं हुआ। मजेदार बात यह कि ये अधिकारी व कर्मचारी दूसरे कर्मियों एवं अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग तय करा देते हैं।
मुख्यालय में बह रही उल्टी गंगा
रोडवेज के तत्कालीन प्रधान प्रबंधक डीबी सिंह के आदेश पर प्रदेश भर में चेकिंग दस्ते से बेटिकट यात्रियों की जांच करने वाले वरिष्ठ लिपिकों को हटा दिया गया, जो क्षेत्रीय प्रबंधक के अधीन तैनात थे। मगर, मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिकों से अब भी यह जांच कराई जा रही है।
सीट पटल शत-प्रतिशत बदलेगा
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमल करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों का सीट पटल शत-प्रतिशत बदलेगा। इसके लिए सभी से विकल्प मांगे गए हैं।
- राजेंद्र प्रताप सिंह, प्रबंध निदेशक उप्र. राज्य सड़क परिवहन निगम