डा0 निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत इस वर्ष 2022-23 में शेष परियोजनाओं को पूर्ण करने के साथ साथ नये परियोजना प्रस्ताव जनपदों से आमंत्रित करते हुए प्रदेश की वृहद कार्ययोजना तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित करने की कार्यवाही की जा रही है। उनके द्वारा 24 जून को पूर्वान्ह 11ः00 बजे से अपरान्ह 2ः00 बजे तक किये जाने वाले राज्य वेबिनार में प्रधानमंत्री सम्पदा योजना की जानकारी देने के साथ-साथ मत्स्य विकास की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी भी वेबिनार में उपलब्ध कराई जायेगी।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 से 02 नवीन योजनाओं यथा मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना तथा निषादराज बोट योजना के माध्यम से ग्राम समाज के तालाबों के गरीब पट्टेधारकों एवं मछुआरों के लिए सौगात दी गयी है। मा० मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में मत्स्य विभाग, उ०प्र० द्वारा ग्राम सभा के तालाबों के गरीब मत्स्य पट्टेधारकों एवं मछुआरों के लिए शत-प्रतिशत राज्यपोषित दो नवीन योजनाओं की शुरूआत की जा रही है। इस हेतु प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के वार्षिक बजट में प्रारम्भिक स्तर पर रू0 04 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गयी है, जिससे ग्रामीण अंचलों में निवास कर रहे गरीब मत्स्य पट्टेधारकों एवं मछुआरों की आय में वृद्धि होगी तथा उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाये जाने में सहायता मिलेगी।
डा0 निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत विगत दो वर्षों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 625 हेक्टेयर नये तालाबों का निर्माण, 24 मत्स्य बीज हैचरी, 120.00 हे0 रियरिंग इकाई, 256 विभिन्न श्रेणियों के रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आर०ए०एस०), 620 इन्सुलेटेड वाहन (साईकिल/मोटरसाईकिल /थ्रीव्हीलर/वैन), 40 फीड मिल (लघु/मध्यम/वृहद/प्लांट), 25 कियोस्क, 25 जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र एवं 186 बायोफ्लाक जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनायें स्थापित होने से उद्यमशीलता को बढ़ावा व रोजगार के अवसर सृजित हुए है।