लखनऊ (मानवी मीडिया) प्रदेश में ईद के बाद पुलिस महकमे में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं डीजी से लेकर एडीजी,आईजी डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारियों के तबादलों की चर्चा है।*
मौजूदा समय में पुलिस की कई शाखाएं ऐसी हैं जहां स्थाई अधिकारी की तैनाती नहीं है मसलन आर्थिक अपराध अनुसंधान का काम राजकुमार विश्वकर्मा बतौर डीजी देख रहे हैं उनके पास पहले से उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी है विजिलेंस के डीजी रहे पीवी रामा शास्त्री के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के बाद यहां भी कोई स्थाई डीजी नहीं बन सका है यहां की जिम्मेदारी डीजी अभिसूचना डॉ DS चौहान के पास है।
*एंटी करप्शन के एडीजी हरिराम शर्मा के पास पहले से पुलिस आवास निगम का जिम्मा है वह जून में रिटायर हो रहे हैं ,यातायात निदेशालय का काम अशोक कुमार सिंह देख रहे हैं उनके पास पहले से Dial 112 की जिम्मेदारी है एडीजी कार्मिक का पद भी खाली है,यहां का काम फिलहाल एडीजी स्थापना संजय सिंघल देख रहे हैं मानव अधिकार आयोग के एडीजी को पिछले दिनों ADG क्राइम बना दिया गया एडीजी मानव अधिकार आयोग की जिम्मेदारी एडीजी रूल्स एंड मैनुअल एस के माथुर को दे दी गई है।*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल में भी एडीजी स्तर के अधिकारी की तैनाती होनी है इसका जिम्मा पीएससी के एडीजी के एस प्रताप कुमार के पास है वही खबर है कि वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने खुद को वहां से हटाए जाने के लिए पत्र लिखा है सूत्रों का कहना है कि डीजीपी मुख्यालय पर तैनात कम से कम आधा दर्जन अधिकारियों को फ़ील्ड में तैनाती दी जा सकती है इसमें एडीजी से लेकर एसपी रैंक तक के अधिकारी शामिल हैं सूत्रों का कहना है कि कमिश्नरेट के अलावा कुछ ज़ोन, रेंज और जिलों के अधिकारियों का भी तबादला अगले 10 दिनों के अंदर किया जाएगा।