याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि यह जनता का पैसा है जिसे अब LIC का धन बनाया जा रहा है। अब LIC के पॉलिसी धारकों का पैसा शेयर धारकों को दिया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने देखा कि 73 लाख आवेदकों ने एलआईसी आईपीओ को सब्सक्राइब किया है जिससे सरकार को लगभग 22,500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि एलआईसी की पॉलिसीधारक पोनम्मल ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए अधिनियम में बदलाव करने के लिए मनी बिल का गलत तरीका अपनाया गया है। उन्होंने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक लाकर नियमों में बदलाव किए गए जबकि यह मनी बिल की परिभाषा में ही नहीं आता है।
हालांकि, मार्च महीने में मद्रास हाई कोर्ट ने सार्वजनिक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए वित्त विधेयक एवं एलआईसी अधिनियम में किए गए बदलावों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
LIC आईपीओ शेयर का अलॉटमेंट आज होने की संभावना है। एलआईसी शेयर की लिस्टिंग 17 मई को हो सकती है। एलआईसी के आईपीओ के तहत 16,20,78,067 शेयरों की पेशकश की गई थी लेकिन इसकी तुलना में 2.95 गुना बोलियां लगाई गई। QIB कैटिगरी के शेयरों को 2.83 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस कैटिगरी के लिए आरक्षित 3.95 करोड़ शेयरों के लिए 11.20 करोड़ बोलियां लगाई गईं। गैर-संस्थागत निवेशक कैटिगरी के तहत 2,96,48,427 शेयरों की पेशकश की गई थी जिनके लिए 8,61,93,060 बोलियां लगाई गईं। इस तरह एनआईआई खंड को 2.91 गुना अभिदान मिला है।