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Sunday, May 1, 2022

बर्फ की जरूरत, न फ्रिज का झंझट बेल्ट' से ठंडा होगा बोतल का पानी


वाराणसी (मानवी मीडिया): अब पानी को ठंडा करने के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। न फ्रिज का झंझट रहेगा और न ही बर्फ खरीदकर बोतल में भरे पानी को ठंडा करने का चिंता रहेगी। वजह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी की एक छात्रा आंचल सिंह ने कर दिखाया है। आंचल ने एक 'सोलर कूलिंग बोतल बेल्ट' का निर्माण किया है, जिससे यह संभव होगा।

वाराणसी की रहने वाली आंचल के पिता महाराष्ट्र के कल्याण में एक पेट्रोल पम्प में कार्यरत है। यह भी वहां से बीकॉम प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। लेकिन इन दिनों काशी में है। पीएम के मेक इन इंडिया से प्रभावित अंचल ने गर्मी में पानी को ठंडा करने के लिये इस 'सोलर कूलिंग बोतल बेल्ट' का निर्माण किया है।

इस सोलर बेल्ट डिवाइस को किसी भी पानी के बोतल या कोल्ड ड्रिंक्स के बोतल पर एक घड़ी की तरह बांध दिया जाता है। सोलर को धूप में रख कर बोतल के पानी को ठंडा किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल तेज धूप में मोटर साइकिल और साइकिल पर सफर करने वाले लोग आसानी से कर सकते हैं। कड़ी धूप में भी उन्हें पीने का ठंडा पानी मिलेगा। इस डिवाइस की मदद से अपने पास रखे पानी के बोतल को ठंडा कर सकते हैं। इसमें एक लीटर पानी को कूल करने में तकरीबन एक घंटे लगते हैं।

इसकी टेक्निकल बारीकियों के बारे में पूछे जाने पर आंचल ने बताया कि इस डिवाइस में सोलर कूलिंग फैन के साथ थर्मल कूलिंग प्लेट लगी है। यह पानी से भरे बोतल के ऊपर बेल्ट लगाते हैं। थर्मल कूलिंग प्लेट पानी की बोतल के बाहरी सतह से चिपक जाती है। उसके बाद कूलिंग बेल्ट से लगे सोलर को धूप मिलती है और वह बोतल में भरा पानी ठंडा करने का काम शुरू कर देती है। धूप जितनी तेज होगी उतना ही जल्दी पानी ठंडा होगा।

इस डिवाइस को बनाने में दो माह का समय लगा है। तीन से चार हजार रुपये का खर्च है। इसलिए सबकी पहुंच में है। रेफ्रिजरेटर खरीदने को अनेक बार सोच विचार करने वाले मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के लिए यह वरदान है। आंचल ने बताया कि इस डिवाइस में 6 वोल्ट सोलर प्लेट, थर्मल कूलिंग प्लेट, 6 वोल्ट कूलिंग फैन, रबड़ बेल्ट और बोतल का प्रयोग हुआ है। कूलिंग बेल्ट को और बेहतर बनाने के लिये मेरठ के एमआईईटी कॉलेज अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर ने मदद के लिए कहा है।

कालेज के वाइस चेयमैन पुनीत अग्रवाल का कहना है कि इस प्रकार के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हम सदैव तैयार रहते हैं। वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में उपयोग की जाने वाली सोलर एनर्जी अब हमारी ऊर्जा की जरूरत का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है। इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इस क्षेत्र में भी नये-नये प्रयोग हो रहे हैं। यह तो बहुत अच्छा अविष्कार है जो बिना बिजली के बोतल को ठंडा रखेगा।

क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने आंचल के इस नवाचार को सराहा। कहा कि सोलर ऊर्जा पर्यावरण के लिए बहुत ही अनुकूल है। यह सिस्टम पूरी तरह सूर्य की रोशनी पर आधारित है और इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। बिजली बिल से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे इनोवेशन से काफी लोगों को फायदा होगा।

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