मुंबई (मानवी मीडिया) सत्र न्यायालय ने सोमवार को सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत याचिका को बुधवार तक के लिए टाल दिया है। राणा दंपत्ति को अगले दो दिन जेल में ही बिताने होंगे। राणा दंपत्ति पर दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने जैसे कई आरोप हैं। नवनीत राणा और उनके पति पर मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान कर राजनीति करने का आरोप है। आरोप है कि राणा दंपत्ति ने ये ऐलान इसलिए किया ताकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व की याद दिला सके।
सांसद नवनीत राणा फिलहाल भायखला स्थित महिला जेल में बंद हैं जबकि उनके विधायक पति को नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में रखा गया है। राणा दंपत्ति की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील अबद पोंडा और रिजवान मर्चेंट ने कोर्ट में पुलिस के दावों के खिलाफ दलील रखी कि उनके क्लाइंट की नफरत फैलाने की कोई मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को शांतिप्रिय ढंग से सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ने से हिंसा भड़कने की कोई उम्मीद ही नहीं थी।
पुलिस शिकायत का जिक्र करते हुए बचाव पक्ष ने कहा कि उनके क्लाइंट मातोश्री के सामने बिना अपने समर्थकों के साथ अकेले ही हनुमान चालीसा पढ़ना चाहते थे। सरकार के खिलाफ हिंसा भड़काने की बात उनके सपनों में भी कभी नहीं आई। वहीं दूसरी तरफ जमानत का विरोध कर रही पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि राणा दंपत्ति ने धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि इस बहाने राज्य में कानून- व्यवस्था बिगाड़कर राज्य की महा विकास अंगाड़ी सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी।