लखनऊ: (मानवी मीडिया)खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव, मार्कण्डेय शाही ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित नियंत्रण आदेश एवं शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं की गयी है और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्यायुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए है। उन्होंने बताया कि राशन कार्ड का समर्पण बाध्यकारी होने तथा राशनकार्ड समर्पित न करने पर वसूली किये जाने संबंधी खबरें असत्य, भ्र्रामक एवं निराधार हैं। इस संबंध में मीडिया पर प्रसारित भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का खण्डन खाद्य आयुक्त, सौरव बाबू द्वारा पूर्व में भी किया जा चुका है।
शाही ने बताया कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर चलती है। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है। सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में 07 अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे, जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।