नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भाजपा हमेशा से यह दावा करती रही है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर, उसके लिए राजनीति नहीं बल्कि आस्था का मुद्दा है। पूरे देश में भाजपा ने इस मुद्दें को बढ़-चढ़कर थामे रखा लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े भाई की भूमिका में होने के कारण लंबे समय तक राम मंदिर और हिंदुत्व की कमान ठाकरे परिवार के हाथ में ही रही। लेकिन अब राजनीतिक परिस्थिति बदल चुकी है। बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे कांग्रेस और शरद पवार के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं तो वहीं लंबे अर्से पहले शिवसेना से अलग हो चुके बाला साहेब ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा के मुद्दे पर महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। सैद्धांतिक तौर पर भाजपा हनुमान चालीसा के लिए आंदोलन कर रहे राज ठाकरे और महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के साथ ही खड़ी नजर आ रही है। लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति ने उत्तर प्रदेश में उसके सामने नई तरह की मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जहां राज ठाकरे के मसले पर पार्टी के दो सांसद आमने-सामने आ गए हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ठाकरे के अयोध्या दौरे को लेकर भाजपा के ही दो सांसद आपस में भिड़ गए हैं। भाजपा के एक सांसद ने राज ठाकरे को अयोध्या में किसी भी कीमत पर नहीं घुसने देने का ऐलान कर दिया है तो वहीं भाजपा के दूसरे सांसद ने राज ठाकरे का अयोध्या में स्वागत करने का ऐलान किया है
उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा लोक सभा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने पिछले सप्ताह 5 मई को ही आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए यह ऐलान कर दिया था कि वो मनसे मुखिया राज ठाकरे को अयोध्या में नहीं घुसने देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी राज ठाकरे से मुलाकात नहीं करने की सलाह दी थी। आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि भगवान राम भी उत्तर भारतीय थे और राज ठाकरे ने भगवान राम के वंशजों, उत्तर भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार किया। इसलिए जब तक राज ठाकरे, भगवान राम के वशंजों से, उत्तर भारतीयों से अपने दुर्व्यवहार के लिए माफी नहीं मांगेंगे तब तक वे उन्हें अयोध्या में नहीं घुसने देंगे।
बृजभूषण शरण सिंह के बयान के विपरीत भाजपा के ही एक अन्य सांसद ने राज ठाकरे का अयोध्या में स्वागत करने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या से भाजपा के लोकसभा सांसद लल्लू सिंह ने कहा है कि राज ठाकरे पर हनुमान जी की कृपा हुई है, इसलिए वो प्रभु श्रीराम की शरण में आ रहे हैं और जो भी भगवान राम की शरण में आएगा, हम अयोध्या के राम भक्तों के सेवक होने के नाते उनका हार्दिक स्वागत करेंगे। अयोध्या के सासंद ने तो राज ठाकरे को अपना और महाराष्ट्र के कल्याण को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शरण में आने की सलाह तक दे दी है। हालांकि उन्होने लोकसभा में अपने ही सहयोगी सासंद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा राज ठाकरे के विरोध के ऐलान पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
हालांकि एक बात बिल्कुल साफ है कि इलाके में प्रभाव और दबंग नेता की छवि होने के नाते बृजभूषण शरण सिंह की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर ऐसे मामले में जब सिंह जोर-शोर से राज ठाकरे का विरोध करने की तैयारी भी कर रहे हैं। आपको बता दें कि, राज ठाकरे ने पांच जून को अयोध्या जाने का ऐलान कर रखा है। वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे भी दस जून को रामनगरी अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं।